जमशेदपुर | झारखण्ड
उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव के निर्देशानुसार जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बिरसा हरित योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार की अगुवाई में प्रशासन की पूरी टीम तत्परता से कार्य कर रही ह । उक्त योजना के सफल क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण को लेकर गठित जिला टास्क फोर्स ने संबंधित प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों के साथ गांवों में आज कैम्प किय । सभी प्रखंडों के लिए गठित दो सदस्यीय टीम ने योजना स्थल का भौतिक सत्यापन करने के साथ-साथ ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए इसका लाभ लेने कि लिए प्रेरित भी किया। जिला प्रशासन के इस प्रयास का परिणाम है कि पिछले दो दिनों में सभी प्रखंडों से बागवानी के लिए लगभग 1800 एकड़ भूमि का चयन किया जा चुका है।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना मुख्यत: बागवानी से जुड़ी योजना है जिसमें किसानों को फलदार पौधे उपलब्ध कराया जाता है ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनको लाभ मिल सके। राज्य सरकार द्वारा की गई इस पहल के माध्यम से किसानों को आत्म निर्भर एवं सशक्त बनाया जा सकेगा और किसान अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चला सकेंगे । इस योजना के तहत आम, अमरूद, नींबू, बेर, कटहल, सहजन, चिकू, नाशपति, लीची आदि के पौधे लगाये जाने हैं जिससे बंजर भूमि को सदुपयोग करने के लिए भी यह योजना निश्चित रूप से लाभकारी होगी । वहीं वृक्षारोपण द्वारा प्रदूषण की समस्या भी दूर होगी साथ ही हरित वृक्ष से वातावरण भी शुद्ध होगा ।
बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वृक्षारोपण किया जाता है, जो निम्नवत हैं-
1. रैयती जमीन पर
2. आम वृक्षारोपण
3. मिश्रित फलदार पौधों का रोपण (आम+अमरूद एवं आम+अमरूद+निम्बू)
4.अर्जुन/आसन (तसर) एवं सेमियालता (लाख) वृक्षारोपण
5. गैर मजूरुआ (GM) जमीन पर वृक्षारोपण
6. सड़क किनारे रैखिक वृक्षारोपण
बागवानी की योजना 5 वर्षो के लिए क्रियान्वित की जाएगी । जिन स्थानों पर सिंचाई की सुविधा हो वैसे स्थानों पर फलदार एवं सेमियालता बागवानी किया जाना है | जिन स्थानों पर पूर्व के वर्षों में सिंचाई की सुविधा (कुआ, तालाब, लिफ्ट सिंचाई आदि) एवं भूमि सुधार की योजना जैसे TCB, मेढ़ बंदी, नाली जीर्णोद्धार, एल.बी.एस. आदि का क्रियान्वयन किया गया है उन स्थानों पर इस योजना के क्रियान्वयन में प्राथमिकता दी जा रही।