जमशेदपुर : रविवार 05 फरवरी, 2023
शहर की साहित्यिक संस्था “दबिस्तान ए जमशेदपुर” के तत्वधान में प्रसिद्ध और लोकप्रिय शायर गौहर अजीज की पुस्तक “अंधेरे उजाले” का लोकार्पण समारोह करीम सिटी कॉलेज, साकची, जमशेदपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ जिसमें हिंदी तथा उर्दू दोनों समाजों के साहित्यकार, कवि और साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
समारोह में करीम सिटी कॉलेज के सचिव डॉ मोहम्मद जकरिया मुख्य अतिथि के रूप में तथा डॉ हसन इमाम मालिक, स्पोर्ट्स मैनेजर, टाटा स्टील जमशेदपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। सभा की अध्यक्षता शहर के प्रसिद्ध साहित्यकार तथा शायर असलम बद्र ने की। कार्यक्रम हाफिज वालीउल्लाह वली के द्वारा तिलावते कुरान से प्रारंभ हुआ। सफीउल्लाह सफी ने गौहर अजीज की लिखी हुई नात शरीफ पढ़ी तथा संस्था के सदस्य सद्दाम गनी ने स्वागत भाषण दिया।
लोकप्रिय साहित्यकार प्रो अहमद बद्र तथा फिक्शन राइटर डॉ अख्तर आजाद ने पुस्तक तथा कवि पर समीक्षा व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा आसिया अंसारिया, सरफराज शाद और सफीउल्लाह सफी ने पुस्तक में शामिल गजलों को अपनी खूबसूरत आवाज में सुना कर सभा को आनंदित किया।
मुख्य अतिथि डॉ मोहम्मद जकरिया ने अपने संबोधन में गौहर अजीज को अपना पसंदीदा और प्यारा व्यक्ति कहते हुए उनकी शायरी को सराहा और उनके शेर भी पढ़े।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौहर अजीज हमारे कॉलेज के शिक्षक हैं और जब कोई शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में कोई बड़ा काम करता है तो निसंदेह महाविद्यालय का नाम रौशन होता है जो आज हुआ है। इन्होंने अपनी पुस्तक प्रकाशित करके अपने आपको तथा अपनी संस्था को समाज से जोड़ा है।
विशिष्ट अतिथि डॉ हसन इमाम मलिक ने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरे शहर में एक ऐसा शायर भी है जिसे लोग बेइंतहा प्यार करते हैं।
सभा के अध्यक्ष श्री असलम बद्र ने गौहर अजीज पर बातें करते हुए कहा कि ये रूमानी शायर नहीं है बल्कि रूमान में वास्तविकता को ढालकर प्रस्तुत करने वाले हुनरमंद शायर हैं। उन्होंने अपने विचार के प्रमाण में यह शेर भी पढ़ा:
“मजा मरने में क्या गौहर किसी कमसिन शगूफे पर दुआ कीजिए कि कातिल हुस्न पर एक दिन शबाब आए”
किताब के लेखक गौहर अजीज ने अपने संबोधन में सभी लोगों के प्यार के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी पुस्तक को पुस्तक उसके पाठक बनाते हैं। भाग्यशाली वे लेखक या कवि हैं या वे पुस्तके हैं जिन्हें आप जैसे अच्छे पाठक मिलते हैं।
मनोविज्ञान के प्राध्यापक डॉ जकी अख्तर ने अपने सुंदर संचालन के द्वारा समारोह को ऐतिहासिक समारोह बना दिया।
अंत में सकलैन मुश्ताक ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में सद्दाम गनी, सफीउल्लाह सफी, फरहान खान फरहान, सकलैन मुश्तक, शोएब अख्तर, सरफराज शाद, इंजमाम अजीज और विशेष रूप से सैयद साजिद परवेज, सैयद शाहजेब परवेज और जावेद का सहयोग रहा।