इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय | नई दिल्ली
सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़े अग्रणी व्यक्तियों ने वैश्विक सेमीकंडक्टर इको सिस्टम में भारत की मजबूत, जीवंत और प्रतिस्पर्धी उपस्थिति के लिए कार्य नीति पर विचार-विमर्श किया
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने तीन दिवसीय सेमीकॉनइंडिया 2023 के दूसरे दिन सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2023 सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अपनी सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को अर्जित करने की दिशा में किस प्रकार तेजी से प्रगति कर रहा है।
तीन दिवसीय सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2023 के दूसरे दिन उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार की बड़ी संख्या में सहभागिता रही। नेक्स्ट-जेन कंप्यूटिंग पर आयोजित सत्र में, वेंटाना माइक्रो सिस्टम्स के सीईओ श्री बालाजी बक्था ने आरआईएससी-वी द्वारा संचालित डिजिटल स्वायत्तता और सॉवरेन डेटा सेंटर अवसंरचना से जुडे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। मिहिरा एआई के सीईओ श्री राजा कोडुरी ने कंप्यूटिंग के भविष्य को रेखांकित किया और स्टार्टअप के लिए समय के मूल्य और वित्तीय संसाधनों पर बल दिया।
सेमीकंडक्टर पैकेजिंग सहित विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए पैनल चर्चा आयोजित की गई। माइक्रोन टेक्नोलॉजी के एसवीपी श्री गुरशरण सिंह, सिम्मटेक के श्री जेफ़री चुन, डिस्को के श्री नोबोरु योशिनागा और एयर लिक्विड के श्री राजा विनय ने भारत में माइक्रोन के असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) प्लांट की आपूर्ति श्रृंखला रणनीति और रूपरेखा के बारे में चर्चा की। माइक्रोन टेक्नोलॉजी के डॉ. हेम तकियार और अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों के नेतृत्व में पैनल – जॉर्जिया टेक के प्रोफेसर तुम्मला राव, आईएमई सिंगापुर के डॉ. सूर्या भट्टाचार्य, एमकोर के श्री देवन अय्यर और सहस्र के श्री अमृत मनवानी– ने भारत में सेमीकंडक्टर पैकेजिंग के भविष्य के प्रदर्शन को प्रेरित करने में पैकेजिंग अनुसंधान और नवोन्मेषण के महत्व पर अपने विचार साझा किए। पैनलिस्टों ने व्यापक स्तर पर अनुसंधान एवं विकास में भारत की क्षमता को रेखांकित किया और बताया कि कंसोर्टिया मॉडल और उद्योग-सुसंगत अनुसंधान कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
“अगली पीढ़ी के डिज़ाइन” पर आयोजित विचार-विमर्श में सेमीकंडक्टर उद्योग में अत्याधुनिक उन्नति और भविष्य की संभावनाओं की खोज की गई। एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स के श्री लार्स रेगर ने भारत में ऑटोनोमस और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विकास के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि चार्जिंग और ड्राइविंग के लिए आधुनिक स्मार्टफोन का निर्माण करने जैसे अनुभव पर फोकस के साथ सॉफ्टवेयर और डिजिटल ट्विन टेक्नॉलॉजी बढत हासिल कर रही हैं। भारतीय यूनिकॉर्न को एनएक्सपी के लिए आकांक्षी भागीदार के रूप में देखा जाता है, जो नवोन्मेषण परिदृश्य को और समृद्ध करता है।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी के श्री आनंद राममूर्ति, मार्वेल के श्री नवीन बिश्नोई, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर के श्री हितेश गर्ग, रेनेसा की सुश्री मालिनी नारायणमूर्ति, सैमसंग सेमीकंडक्टर इंडिया आर एंड डी सेंटर के श्री बालाजी सौरीराजन और इनकोर सेमीकंडक्टर के श्री नील गाला वाले पैनल ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि किस प्रकार उभरते डिजाइन फैब लोडिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने एआई और डेटा केंद्रों के लिए कस्टम कंप्यूटिंग के महत्व पर बल दिया और ऑटोमोटिव उद्योग में विकास क्षमता को रेखांकित किया।
श्री विनोद धाम द्वारा संचालित भारत में भविष्य के डिजाइन और निवेश के अवसरों पर आयोजित पैनल चर्चा सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए चिप डिजाइन स्टार्टअप की सहायता करने पर केंद्रित थी। फर्मिओनिक डिज़ाइन के श्री गौतम सिंह सहित अन्य प्रतिभागी, वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के श्री राकेश मलिक, मॉर्फिंग मशीन्स के श्री दीपक शापेती, नेत्रसेमी के श्री ज्योतिस इंदिराभाई, एकॉर्ड सॉफ्टवेयर एंड सिस्टम्स के श्री नारायण राव और डीवी2जेएस इनोवेशन के श्री विनायक डालमिया सहित अन्य सहभागियों ने चिप डिजाइन, पैकेजिंग, परीक्षण और आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर प्रकाश डाला। पैनल ने भारत में चिप डिजाइन और सेमीकंडक्टर-संबंधित उद्योगों में असीम संभावनाओं और अवसरों पर चर्चा की, जिसमें मजबूत सरकारी सहायता इस क्षेत्र में नवोन्मेषण और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस अवसर पर भारतीय सेमीकंडक्टर इको सिस्टम में निवेश के अवसर सृजित करने पर भी प्रकाश डाला गया। सेलेस्टा कैपिटल के श्री गनी सुब्रमण्यम और मैट्रिक्स पार्टनर्स के श्री सुदीप्तो सन्निग्रही ने सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स में ऐतिहासिक और वर्तमान रुचि को रेखांकित किया, साथ ही, पूर्व में एक व्यवहार्य समग्र बाजार की अनुपस्थिति का उल्लेख किया। एंडिया पार्टनर्स के श्री सतीश आंद्रा ने जोर देकर कहा कि पूंजी की कमी कोई बाधा नहीं है क्योंकि यह प्रतिभा का अनुसरण करती है, जबकि क्वालकॉम वेंचर्स के श्री राम बेथमंगलकर ने सरकार के प्रयासों की सराहना की और उनके हार्डवेयर एक्सेलेरेटर और संरक्षण कार्यक्रमों पर चर्चा की।
इंडिया सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (आईएसआरसी) की रूपरेखा पर पैनल चर्चा में, आईबीएम सेमीकंडक्टर के श्री मुकेश खरे, जॉर्जिया टेक के प्रो. तुम्मला राव, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार श्री अजय सूद, आईएमईसी के एसवीपी श्री श्री सामवेदम और एससीएल के पूर्व निदेशक श्री सुरिंदर सिंह ने भारत में सेमीकंडक्टर अनुसंधान की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया। आईएसआरसी का विज़न तीन तत्वों: अकादमिक, औद्योगिक और वॉल्यूम मैन्यूफैक्चरिंग के साथ उन्नत सेमीकंडक्टर और पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों में नवोन्मेषण को बढ़ावा देने वाले एक विश्व स्तरीय अनुसंधान संस्थान की स्थापना करने का है।
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के विख्यात वक्ताओं- एप्लाइड मैटेरियल्स के डॉ. रमन अच्युथरमन; लैम रिसर्च के श्री शेषा वरदराजन, केएलए के श्री अहमद खान, और एप्लाइड मटेरियल्स के श्री प्रभु राजा ने इस बात पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया कि किस प्रकार भारत वैश्विक परिदृश्य में अपनी पहचान बना सकता है। उन्होंने लचीली सेमीकंडक्टर आपूर्ति-श्रृंखला के लिए सेमीकंडक्टर उपकरण नवोन्मेषण और अनुसंधान में भारत की बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा की। वक्ताओं ने सहयोगात्मक समस्या-समाधान के महत्व पर जोर दिया क्योंकि सेमीकंडक्टर उद्योग की चुनौतियाँ लगातार जटिल होती जा रही हैं।
ग्लोबलफाउंड्रीज़ के उपाध्यक्ष श्री जितेंद्र चड्ढा ने “एक स्थायी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण” की थीम पर एक अंतर्दृष्टिपूर्ण सत्र का नेतृत्व किया। उद्योग जगत के दिग्गज व्यक्तियों अर्थात् वेदांता सेमीकंडक्टर्स लिमिटेड के सीईओ श्री डेविड रीड, जैकब्स के ग्लोबल सॉल्यूशंस डायरेक्टर श्री डेविड क्रिक और आईनॉक्स समूह के श्री दिगंता शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए और सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास को सुगम बनाने में सहायता के लिए सरकार को धन्यवाद दिया और सेक्टर के रणनीतिक महत्व पर उसके फोकस की सराहना की। पैनलिस्टों ने सेमीकंडक्टर उद्योग की पूंजी केन्द्रित प्रकृति और भारत में इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए अवसंरचना, प्रौद्योगिकी और मानव संसाधनों में निवेश की आवश्यकता पर बल दिया।
“टिकाऊ सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए सेमीकंडक्टर आपूर्ति-श्रृंखला” विषय पर आयोजित सत्र में एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष और एमडी श्री श्रीनिवास सत्या ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण उद्योग के क्षेत्र में, एक स्थायी आपूर्ति श्रृंखला को अपनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है। एप्लाइड मैटेरियल्स के वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के उपाध्यक्ष श्री पॉल छाबड़ा ने भारत में एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करते हुए एक मजबूत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला इकोसिस्टम के विकास और पोषण से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की।
“सेमी इक्विपमेंट आपूर्ति श्रृंखला में वैश्विक रुझान और नवोन्मेषण” पर आयोजित पैनल चर्चा में, सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट आपूर्तिकर्ता कंपनियों के उद्योग जगत से जुड़े अग्रणी व्यक्तियों अर्थात् ईएफएफ के श्री माइकल होल्डर, फॉक्ससेमिकॉन इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजीज के श्री जैक्सन ह्वांग, कूर्स्टेक के डॉ. केविन रेस्लर और इचोर के श्री फिल बैरोस ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि सेमीकंडक्टर उपकरण उद्योग के लिए एक सफल आपूर्तिकर्ता के रूप में कैसे आगे बढ़ा जा सकता है।
“भारत में एक टिकाऊ घरेलू सेमीकंडक्टर आपूर्ति-श्रृंखला का निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान यह समझने पर ध्यान केंद्रित किया गया कि भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में प्रभावी ढंग से प्रवेश करने के लिए क्या करना होगा। “वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति-श्रृंखला को आकर्षित करना” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में, सेमीकंडक्टर उद्योग के उद्योग जगत से जुड़े शीर्ष व्यक्तियों ने उन कारकों की खोज की जिन पर भारत में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए विचार किया जाना चाहिए।