New Delhi : सोमवार 29 नवंबर, 2021
पेट्रोल, डीजल और घरेलू की बढ़ती कीमतों पर सरकार को विपक्ष ने चौतरफा घेर रखा है। हालांकि वर्तमान मोदी सरकार उनके प्रत्येक सवालों का जवाब देने को तैयार है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, श्री रामेश्वर तेली ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार-निर्धारित हैं। तब से, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण पर उनके अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की कीमतों, विनिमय दर, कर संरचना, अंतर्देशीय भाड़ा और अन्य लागत तत्वों के अनुरूप उचित निर्णय लेती हैं।
देश में पेट्रोलियम उत्पादों की अनियंत्रित कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमत से जुड़ी होती हैं। हालांकि, सरकार सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी और पीडीएस केरोसिन के खुदरा बिक्री मूल्य के लिए उपभोक्ता के लिए प्रभावी मूल्य को संशोधित करना जारी रखे हुए है।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने 4 नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की है। कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने भी बाद में पेट्रोल और डीजल पर वैट कम किया है।
सोर्स : पीआईबी दिल्ली द्वारा