जमशेदपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जमशेदपुर की जनता के साथ वादा खिलाफी और मजदूरों के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आनंद बिहारी दुबे ने कहा कि दास ने 25 वर्षों तक पूर्वी क्षेत्र की जनता को मालिकाना हक दिलाने का वादा किया, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने बयान से पलट गए। दुबे ने कहा, “रघुवर ने पहले कहा था कि मालिकाना हक उनका मुद्दा नहीं था। जनता को बेघर करने के लिए अतिक्रमण के नाम पर कई लोगों को उजाड़ा गया, जो भाजपा का असली चरित्र दिखाता है।”
आनंद बिहारी दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि रघुवर दास मजदूरों के हितैषी होने का दावा करते थे, लेकिन 25 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने मजदूरों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, “रघुवर के कार्यकाल में केबुल कंपनी सहित कई कंपनियाँ बंद हो गईं, लेकिन उन्होंने इसे दोबारा शुरू करने का कोई प्रयास नहीं किया। टाटा हिताची को जमशेदपुर से खड़गपुर शिफ्ट होने से भी वे नहीं रोक पाए।”
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दुबे ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘मईंया सम्मान योजना’ भाजपा को खटक रही है, जिसमें महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता राशि दी जा रही है, जो दिसंबर से बढ़कर 2500 रुपये हो जाएगी। इसके खिलाफ भाजपा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करवाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा महिलाओं और गरीबों के कल्याण के पक्ष में नहीं है।
आनंद बिहारी दुबे ने बताया कि हेमंत सोरेन ने असंगठित मजदूरों का मानदेय 350 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपये कर दिया है और सर्वजन पेंशन योजना का लाभ भी सभी वर्गों को मिल रहा है। जनता इस बार भारी बहुमत से इंडिया गठबंधन की सरकार बनवाने जा रही है। इस मौके पर जेएमएम, राजद, आप, जेपीसीसी, सीपीएम और सीपीआई के जिला स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।