JAMSHEDPUR : सोमवार 23 जनवरी, 2023
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन राज्य कमिटी द्वारा 22- 23 जनवरी को बिरसा सुभाष यात्रा का आयोजन किया गया। आज दूसरे दिन यात्रा का प्रारंभ कोकर स्थित बिरसा मुंडा की समाधि स्थल से हुई। जहां श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संगठन के अखिल भारतीय सचिव मंडल सदस्य शमसुल आलम ने कहा कि देश और समाज के बेहतरी के लिए व्यक्ति का संघर्ष महत्वपूर्ण है, डिग्री नहीं। वर्तमान समाज में देश का हर एक तबका चाहे वह छात्र, नौजवान, महिला, पुरुष को किसी ना किसी समस्या से ग्रसित हैं। उन्हें अपने हक और अधिकारों के लिए आंदोलन करने और सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। तब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने संघर्ष का सही रास्ता बताया।
साथ ही यात्रा को राज्य बार काउंसिल सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल कलाम राशिदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय आजादी आंदोलन के गैर समझौतावादी धारा के महान क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस थे। इनका व्यक्तित्व और चरित्र इतना प्रभावशाली था, कि दुनिया जिस व्यक्तित्व के नाम से डरती थी। उस हिटलर ने भी इन्हें नेताजी की उपाधि प्रदान की थी।
यात्रा रांची से शुरू होते हुए रामगढ़ के लिए रवाना हुए। रैली में शामिल सभी छात्र छात्राएँ नारा लगाते हुए कतारबद्ध रूप से बाइक रैली को सफल बनाये। यह रैली बुटी मोड़, ओरमांझी, रामगढ़ घाटी पर करते हुए नेताजी चौक, रामगढ़ पहुंची। जहा पहुंचने पर वहा के स्थानीय लोगों द्वारा जोरदार स्वागत किया।
स्वागत समिति के सदस्य –
1) बन्नी सिंह गांधी
2) जे के अग्रवाल
3) बसंत हेलम
4) बलराम सिंह
5) पन्ना लाल राम आदि को संगठन द्वारा मोमेंटो प्रदान किया गया।
रैली में शामिल सभी छात्र छात्राएँ नारा लगाते हुए कतारबद्ध रूप से बाइक रैली को सफल बनाये। सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय सचिव मंडली सदस्य समसुल आलम ने कहा कि नेता जी के विचार आज बहुत ही प्रासंगिक है। नेता जी गांधी जी का बहुत आदर करते थे। गांधी जी से उनका वैचारिक मतभेद होने के बावजूद उनका उनसे मनभेद नहीं था। आजाद हिंद फौज में उन्होंने बटालियन का नाम नेहरू, गांधी और झांसी की रानी बटालियन के नाम पर रखा। उन्होंने गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया। परंतु वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में आज केवल निजी स्वार्थ और एक दूसरे को नीचा दिखाने की राजनीति हो रही है।