जमशेदपुर | झारखण्ड
शहर के वयोवृद्ध गरीबों के मसीहा डॉ कृपाल सिंह सिद्धू को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनकी सामाजिक सेवाओं के लिए झारखंड रत्न सेवा अवार्ड से नवाजा. जबकि शिक्षा के क्षेत्र में अपना मुकाम बनाने वाली कदमा की बेटी रविंदर कौर को भी सम्मान देकर हौसला बढ़ाया. गुरुवार को साकची गुरुद्वारा साहिब में नगर कीर्तन में सेवा करने वाले जत्थे, विद्यालय, संस्थाएं समेत कई लोगों को सेंट्रल दिवान में सम्मानित किया गया . अतिथि के रूप में साकची गुरुद्वारा पहुंचे शहर के वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ऋषभ गर्ग ने शोभा यात्रा के प्रतिभागियों को सम्मानित और पुरस्कृत किया. इस अवसर पर एसएसपी किशोर कौशल ने सिख समाज और सीजीपीसी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जमशेदपुर के सिख बधाई के पात्र हैं जिन्होंने बड़े ही तरीके, सलीके और शांतिपूर्ण रूप से नगर कीर्तन संपन्न कराया. एसएसपी ने जोर देकर कहा जिस प्रकार नगर कीर्तन में सफाई और अनुशासन का ध्यान रखा गया, यह प्रेरित करने वाला है.
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कोल्हान की संगत का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संगत और सभी कमेटियों के कारण ही इस वर्ष नगर कीर्तन ऐतिहासिक हो पाया है, इसका सारा श्रेय केवल और केवल संगत को जाता है. चेयरमैन सरदार शैलेंदर सिंह ने इस बार प्रकाश पर्व पर रिकॉर्ड अस्सी हजार संगत ने पालकी साहिब के दर्शन किये जो नगर कीर्तन के ऐतिहासिक होने का सबूत है. इससे पूर्व आमंत्रित अतिथियों में अल्पसंख्यक आयोग, झारखंड के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू, तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के महासचिव इंदरजीत सिंह ने भी विचार रखे तथा स्मृति चिन्ह के रूप में पुरस्कार बांटे.
विशेष रूप से इस समापन समारोह में गरीबों के मसीहा डॉक्टर कृपाल सिंह सिद्धू को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से बिहार, झारखंड के सिख समाज की ओर से उन्हें झारखंड सिख रतन सेवा अवॉर्ड दिया गया. निर्णय लिया गया कि देश के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से पत्राचार कर पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किये जाने को लेकर एक अनुरोध पत्र भेजा जायेगा. इस निर्णय का उपस्थित समूह साध संगत ने बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारे के साथ परवानगी दी.सम्मान समारोह और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम से पूर्व अरदास उपरांत सुबह 10 बजे सेंट्रल दीवान सजा जहां हजूरी रागी संदीप सिंह साकची वाले सुबह दस बजे से दस पैंतालीस तक व दस पैंतालीस से साढ़े गयारह बजे तक सरदार कवलंजीत सिंह नूर गुरवाणी-कीर्तन कर संगत को गुरु चरणों से जोगा जबकि सरदार सुरजीत सिंह साढ़े ग्यारह से सवा बारह बजे तक संगत को गुरु ग्रन्थ साहिब की बाणी से निहाल किया. साढ़े बारह बजे से पुरस्कार वितरण कार्यक्रम शुरू हुआ जहां सभी को सम्मानित और पुरस्कृत किया गया. तरनप्रीत सिंह बन्नी को पालकी साहिब के सटीक देख रेख और जोगिन्दर सिंह जोगी को पालकी साहिब के पुष्प सेवा के लिए, 22 वर्षों से सामाजिक में कार्य करने वाले सरदार मोहन सिंह भाटिया आदि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया गया. वहीं, राजकमलजीत सिंह और संदीप सिंह को दस्तार को बढ़ावा देने, अकाली दल, विभिन्न स्त्री सत्संग सभा, कीर्तनी जत्थे, सेंट्रल सिख नौजवान सभा और अन्य को पुरस्कृत क्या गया. इस अवसर पर नेत्र जांच शिविर भी साकची गुरुद्वारा के अधीन गोविन्द भवन में पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से लगाया गया था, जहां कुल 27 लोगों की नेत्र जांच की गयी. इनमें से छह व्यक्तिओं के मोतियाबिंद की सर्जरी दो दिसंबर को की जाएगी. सम्मान समारोह मे मुख्य रूप से भगवान सिंह के अलावा, चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, पटना साहब के महासचिव इंद्रजीत सिंह, चेयरमैन गुरमीत सिंह, साकची के प्रधान निशान सिंह, वरिय उपाध्यक्ष नरेंद्रपाल सिंह, चंचल सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी, प्रकाश सिंह, परमजीत सिंह काले, सुखदेव सिंह बिट्टू, बलदेव सिंह, सोनारी के प्रधान तारा सिंह, हरमिंदर सिंह मिंदी, त्रिलोक सिंह, जसपाल सिंह, सरबजीत सिंह ग्रेवाल, हरविंदर सिंह गुल्लू, परमजीत सिंह रोशन, बलदेव सिंह, रविंद्र सिंह, हरजिंदर सिंह, ज्ञानी कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह, जोगिंदर सिंह जोगी, जगजीत सिंह गांधी, गुरदयाल सिंह, बलबीर सिंह, परविंदर सिंह सोहल, दलबीर सिंह, जसवंत सिंह जस्सू, सुखवंत सिंह सुक्खू, परमजीत सिंह विक्की, सुखराज सिंह, चरणजीत सिंह, हरदीप सिंह दीपी, सेंट्रल स्त्री सत्संग सभा की प्रधान रविंदर कौर, कमलजीत कौर, सुखजीत कौर, परमजीत कौर, गुरमीत कौर, बलविंदर कौर सहित कई लोग उपस्थित थे.