जमशेदपुर | झारखण्ड
जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार आयोजित हुई जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक
वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम व अन्य समिति सदस्य हुए शामिल
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जिला दण्डाधिकारी-सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक में आहूत की गई। वन प्रमंडल पदाधिकारी सुश्री ममता प्रियदर्शी, उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी श्री पीयूष सिन्हा, जिला परिषद सदस्य घाटशिला श्रीमती देवयानी मुर्मू, जिला परिषद सदस्य पोटका श्रीमती श्रीमती सोनामनी सरदार, जिला परिषद सदस्य मुसाबनी श्रीमती लखी मार्डी द्वारा दोनों अनुमंडल से प्राप्त कुल 201 दावा अभिलेखों की गहन समीक्षा करते हुए 191 वन पट्टा के दावा को सैद्धांतिक रूप से सहमति प्रदान की गई वहीं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझाव अनुसार 10 वन पट्टा दावा को पुन: अनुमंडल वनाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेजने पर सहमति बनी।
गौरतलब है कि पिछली बैठक में लाभुकों को 2 और 3 डिसमिल वन पट्टा का प्रस्ताव अनुमंडल स्तर से अग्रसारित करने पर जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त द्वारा पुनर्समीक्षा का निर्देश दिया गया था । समीक्षा में पाया गया कि अनुमंडल वन अधिकार समिति द्वारा पुनर्समीक्षा उपरांत जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त के निर्देशानुसार लाभुकों को 8 से 10 डिसमिल की स्वीकृति प्रदान की गई है, कुछ लाभुकों को 10 डिसमिल से ज्यादा भी वन पट्टा स्वीकृत किया गया है। बैठक में अनुमंडल वन अधिकार समिति, धालभूम से प्राप्त 42 व्यक्तिगत एवं 04 सामुदायिक दावा अभिलेख एवं घाटशिला अनुमंडल से प्राप्त 142 व्यक्तिगत एवं 13 सामुदायिक दावा अभिलेख की समीक्षा की गई।
जिला दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त के निर्देशानुसार वन पट्टा के दावों में व्यवहारिकता की जांच करते हुए लाभुकों को पर्याप्त भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया जिससे लोगों को पशुपालन के लिए शेड या थोड़ी सी जमीन पर साग-सब्जी के लिए बाड़ी के लिए भी जगह रहे।