Crime Dairy : बुधवार 16 फरवरी, 2022
कभी दूसरों के लिए आफत बन कर न्याय और कानून का हवाला देते हुए आर टी आई कर्ता आज खुद के जाल में फंस कर सलाखों के पीछे खड़ा है। स्वयं को समाजसेवी का तमगा देते हुए शातिर और मास्टरमाइंड समझने वाला दर्श चौधरी निकला नटवरलाल। हालांकि वह यह भूल गया कि कानून के हाथ भी लंबे होते हैं। मानगो नगर निगम का अफसर बनकर एक चनाचुर वाले से मांग रहा था रंगदारी।
आइये आपको बताते हैं कि मास्टरमाइंड दर्श चौधरी कैसे फंसा खुद के ही जाल में।
वह स्वयं को मानगो नगर निगम का अधिकारी बताते हुए मानगो के NH- 33 स्थित कुमरूम बस्ती के एक दुकानदार से दुकान का होल्डिंग टैक्स, ट्रेड लाइसेंस, बिल्डिंग बनाने का लाइसेंस आदि की मांग करने लगा। तत्काल इन सबके लिए दुकानदार ने असमर्थता दिखाई। लेकिन दर्श चौधरी ने सर्टिफिकेट दिखाने के लिए दुकानदार को धमकाया और 5000 रुपये की मांग कर दी।
दुकानदार ने समय मांग कर दूसरे दिन आने को कहा और नगर निगम को इस मामले की जानकारी दी।
नगर निगम ने इसे तत्परता से लिया और मामले की सूचना पुलिस को दी। जांच में पुलिस ने इसे सही पाया और ढोंगी समाजसेवी दर्श चौधरी को मानगो के संकोसाई रोड नंबर एक उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि इस मामले में मानगो नगर निगम के सिटी मैनेजर निशांत कुमार के बयान पर मानगो थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।