जमशेदपुर | झारखण्ड
आस्था के पर्व दुर्गा पुजा में पूजन सामग्री को जल में ठंडा करने की परंपरा रही है। समय के साथ पूजन सामग्री में भी परिवर्तन आया, पूजा में प्लास्टिक आदि से बने वस्तुओं का प्रचलन हो चला है। पूजन सामग्री को नदी में जाने से बचाने के लिए वर्ष 2018 से जमशेदपुर आधिसूचित क्षेत्र समिति के द्वारा घाटों पर विसर्जन कुंड का निर्माण कराया जाता है। जमशेदपुर अक्षेस के उप प्रशासक पीयूष सिन्हा ने बताया की कुल आठ घाटों पर विसर्जन कुंड का निर्माण कराया जा रहा है। नदी के कारण जमशेदपुर शहर बस पाया है, ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि पूजा में आस्था के साथ साथ जीवनदायिनी नदी का भी ख्याल रखें।
नदी जल में पूजन सामग्री को ठंडा करके विसर्जन कुंड में डालें ताकि सबकी पूजा भी पूर्ण हो, साथ में नदी को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सके। सभी घाटों में जमशेदपुर अक्षेस एवं टाटा स्टील यूआईएसएल की टीम मिलकर विशेष साफ सफाई एवं विसर्जन कुंड की व्यवस्था कर रही है।
दशहरा दिन करते हैं श्रमदाम
एसडब्लूएम एक्सपर्ट सौरभ कुमार ने बताया कि जमशेदपुर अधीसूचित क्षेत्र समिति के सभी स्वच्छता पर्यवेक्षक विसर्जन के दिन गांधी घाट एवं दोमुहानी घाट पर श्रमदान् करते हैं, श्रद्धालुओं से निवेदन करते हैं कि वो आस्था के साथ साथ जीवनदायिनी नदी की स्वच्छता का भी ख्याला रखें। बीते वर्ष दस हज़ार किलो से अधिक पूजन सामग्री को नदी में जाने से बचाया गया था।
विसर्जन कुंड के निर्माण की निगरानी नगर प्रबंधक क्रिस्टीना कच्छप, सहायक अभियंता अमित आनंद, कनीय अभियंता बीरेन्द्र हेम्ब्रम कर रहें हैं।