Jamshedpur : शनिवार 06 नवम्बर, 2021
दीपावली में ब्लैक कार्बन (गंभीर वायु प्रदूषक) की हुई वृद्धि
आपको जानकर हैरानी होगी कि शौधकार्ताओं के अनुसार वायु में ब्लैक कार्बन की मात्रा 20 µ/m3 के ऊपर होने से काफी घातक माना जाता है। गौरतलब है की अभी तक ब्लैक कार्बन की कोई माप स्तर तय नहीं किया गया है।
वातावरण में ब्लैक कार्बन कैसे बढ़ता है? ब्लैक कार्बन की सान्द्रता में वृद्धि का मुख्य कारण असंगठित इंडस्ट्रियल उत्सर्जन, वाहन में बढ़ोतरी, बायोमास बर्निंग एवं अत्यधिक पटाखो के इस्तेमाल से होता है। ब्लैक कार्बन वायुमंडल में उत्सर्जन होने के कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताहों तक स्थिर रहने वाला एक अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक है।
ध्यातव्य है कि विश्व में ब्लैक कार्बन उत्सर्जन में चीन का प्रथम एवं भारत का दूसरा स्थान है। प्रोफेसर बलराम अम्बादे (हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, रसायन विभाग), शौधकार्ता तपन कुमार शंकर, श्रीकांत शंकर सेठी, अली जान हुसैन और दिलीप कुमार महतो के साथ ब्लैक कार्बन एयरोसोल में कार्य कर रहे है। उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा रिसर्च प्रोजेक्ट दिया गया है।
आम लोगों के प्रति ब्लैक कार्बन के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में नीति बनाने के लिए सरकार को समझने में भी मदद मिली। यह अध्ययन दीपावली अवधि के दौरान वायु प्रदूषकों की प्रवृत्ति को समझने में मदद करता है।
ब्लैक कार्बन (गंभीर वायु प्रदूषक) के बारे में अधिक जानने और समझने के लिए सम्पर्क कर सकते हैं –