जमशेदपुर । झारखण्ड
यह मंगलवार की रात थी। स्थान था सिदगोड़ा चिल्ड्रन पार्क का टाउन हॉल। अंदर लाइट ऑफ कर दी जाती है। जब घुप्प अंधेरा छा जाता है तब स्टेज पर समुद्र की लहरें उठती हैं। उसके बाद भौंकने वाला कुत्ता, इंसान, भूत, केकड़ा, गांव का दृश्य, मिमियाने वाली बकरी, कीड़े मकोड़े और जंगल का दृश्य उभरता है। फिर बंदर, हाथी, हाथी के चिंघाड़ने की आवाज, सूअर, सांप, नवजात बच्चा और उसकी आवाज के साथ ही मदर टेरेसा, रवींद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, शिवाजी महाराज, सौरव गांगुली आदि के छायाचित्र एक के बाद एक अवतरित होते हैं। यह कोई सिनेमा का दृश्य नहीं था बल्कि भारत के ही नहीं वरन पूरे एशिया के इकलौते हैंड शैडोग्राफर अमर सेन की प्रतिभा का कमाल था। उन्होंने यह सारे दृश्य अपने दोनों हाथों के 10 अंगुलियों का इस्तेमाल कर खींचे। हर मिनट पर पूरा टाउन हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। मौका था बाल मेले के अवसर पर हैंड शैडोग्राफी के शो का।
अमर सेन ने प्रोग्राम की शुरुआत में 3 इंपॉसिबल भी बताए। इसमें हाथ, पैर और सर के इस्तेमाल की बात थी। उन्होंने बताया कि लोग बेशक लाख प्रयास कर ले पर ये थ्री इंपॉसिबल इंपॉसिबल ही रहेंगे। उन्होंने लोगों से प्रेक्टिस करने को कहा और नतीजा वही निकला… इंपॉसिबल!
अमर सेन का यह शो साउंड और उनकी क्रिएटिविटी के कारण शानदार बन पड़ा।
कार्यक्रम की शुरुआत में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को अमर सेन ने स्टेज पर बुलाया और श्री राय की दोनों हथेलियां का इस्तेमाल कर कुत्ते की आकृति भी बनवाई। विधायक श्री राय ने अमर सेन को ढेर सारी शुभकामनाएं दी और कहा कि हैंड फोटोग्राफी को आप जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं वह गर्व की बात है।