जमशेदपुर | झारखण्ड
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय का प्रेस वक्तव्य –
मैं आज सुबह बाबूडीह के ऑक्सीजन कॉलोनी स्थित उस मैदान में गया जहाँ बाबूडीह, भूईयांडीह, छाईबस्ती, लालभट्ठा जैसे पिछड़े इलाकों के करीब 10 हजार लोगों को पीने का पानी की आपूर्ति के लिए ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है। बस्तीवासियों की मांग है कि उन्होंने उस मैदान के एक हिस्से में पूजा वेदी का निर्माण कराया है, जहाँ दुर्गा पूजा सहित कथा, प्रवचन आदि धार्मिक आयोजन होते हैं। इन कार्यक्रमों के लिए मैदान का एक खण्ड छोड़ा जाना चाहिए, ताकि बस्तीवासी उसका उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्याें के लिए कर सकें। बस्तीवासियों की माँग है कि इसके लिए 200 गुणा 200 फीट आकार का भूखंड छोड़ा जाय। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मैं इस बारे में टाटा स्टील के अधिकारियों से वार्ता करूंगा। सिद्धान्ततः टाटा स्टील के अधिकारी सहमत हैं कि पूजा के लिए भूखंड छोड़ा जाएगा। मैं प्रयास करूंगा कि बस्तीवासियों की मांग के अनुरूप 200 गुणा 200 फीट भूखंड उनके उपयोग के लिए छोड़ दिया जाय। जो भूखण्ड बस्तीवासियों के लिए छोड़ा जायेगा उसकी चाहरदीवारी कराने का आग्रह भी उन्होंने किया है। इस बारे में पूजा समिति का निर्णय अंतिम होगा। अब इस स्थान पर वाटर ट्रिटमेंट प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो गया। कल से इसका निर्माण आरंभ हो जाएगा।
उसके बाद मैं लिट्टीचैक स्थित टिमकेन फैक्टरी की चाहरदीवारी से सटे हुए उस स्थान पर गया जहां चाहरदीवारी के भीतर से लगातार पानी का प्रवाह आधा दर्जन से अधिक जगहों से सड़क पर हो रहा है, जिससे सड़क टूट गयी है, आवागमन बाधित हो रहा है, गाड़ियाँ फँस जा रही है। पिछले साल मेरी कार भी वहाँ फँस गई थी और बड़ी मशक्कत के बाद उसे वहां से निकाला गया था। मैंने टिमकेन और ब्लू स्कोप के अधिकारियों से इस संदर्भ में गत एक वर्ष से बात कर रहा हूँ। इनमें से कोई भी स्वीकार नहीं कर रहा है कि यहाँ बह रहा पानी उनकी फैक्टरी का है। तीन दिन पहले मैंने इस समस्या से टाटा स्टील यूआईएसएल के प्रबंध निदेशक को अवगत कराया और बताया कि चाहरदिवारी के भीतर से कई वर्षों से इस स्थान पर पानी का प्रवाह लगातार सड़क पर गिर रहा है, मगर कोई भी कंपनी इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है। चुँकि चहारदीवारी का निर्माण जुस्को द्वारा किया गया है इसलिए मैंने उनसे मांग किया कि इस पानी का प्रवाह अविलंब रोका जाय तथा क्षतिग्रस्त सड़क का पुनर्निर्माण शीघ्र किया जाय। साथ ही मेन रोड से नदी किनारे तक एक सुदृढ़ सड़क बनायी जाय। मेरे साथ दो दर्जन से अधिक बस्तीवासी भी थे जो इससे पीड़ित हैं। बस्तीवासियों के साथ मिलकर मैंने निर्णय लिया कि यदि एक सप्ताह के भीतर पानी का प्रवाह रोकने का इंतजाम नहीं होता है तो आठवें दिन बस्तीवासी पानी निकलने के सभी रास्तों को कंक्रीट-सीमेंट से जाम कर देंगे। इसके बाद जिनका पानी इस रास्ते से निकल रहा है, वे खुद ही सामने आ जायेंगे।
इसके बाद मैं टिमकेन, ब्लू स्कोप, सीआरएम बारा कंपनियों के भीतर उस स्थान पर गया, जहाँ तीन बड़े-बड़े तालाब बने हुए हैं। इन तालाबों का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण प्रशंसनीय है, परंतु इन फैक्टरियों का पानी तालाब में जाने के कारण तालाब प्रदूषित हो गये हैं। तालाब के भीतर कई मरी हुई मछलियाँ दिखाई पड़ी। ओवरफ्लो होने पर तालाब और आसपास की फैक्टरियों से नालों के माध्यम से निकलने वाला पानी ही वास्तव में चहारदीवारी के बाहर सड़क पर प्रवाहित हो रहा है।
तालाबों के किनारे रंकिनीमाई और बूढ़ा महादेव नामक दो स्थल है, जहाँ पर आम लोग पूजा करने के लिए आते हैं। रंकिनीमाई और बूढ़ा महादेव स्थल को उनके प्रतिष्ठा के अनुरूप मंदिर के रूप में विकसित करने की जरूरत है। साथ ही तालाबों के पानी को प्रदूषण मुक्त करने और साफ रखने की जरूरत है। इन दोनों स्थानों पर नियंत्रित रूप में लोगों का आना-जाना हो और पूजा-पाठ करनेवाले भी आ सके, इसके लिए मैं टाटा स्टील के प्रबंधकों से बात करूंगा।
उपर्युक्त विवरण के आलोक में निष्कर्ष के रूप में निम्नांकित बिन्दुओं की ओर कंपनी प्रबंधन और क्षेत्र की जनता का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ:-
1. ऑक्सीजन कॉलोनी स्थित मैदान में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कार्रवाई तेज की जाय। वहाँ पूजा के लिए समुचित स्थान बस्तीवासियों को चिन्हित कर दिया जाय। इस बारे में पूजा समिति सीधे कंपनी के अधिकारियों से बात करके संतुष्ट होंगी। इसके साथ ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का अवरोध समाप्त हो गया। कल से ट्रीटमेंट प्लांट का काम द्रुत गति से आरंभ होगा।
2. यदि एक सप्ताह के भीतर टिमकेन की चाहरदीवारी से निकलकर सड़क को क्षतिग्रस्त करने वाली पानी का प्रवाह नहीं रोका गया तो आठवें दिन बस्तीवासी उस रास्ते को कंक्रीट-सीमेंट से बंद कर देंगे।
3. सीआरएम बारा कैम्पस के भीतर बने तालाबों के पानी को स्वच्छ रखने, उस रमणीक स्थल को जनता से जोड़ने तथा रंकिनीमाई और बूढ़ा महादेव के पूजा स्थलों को विकसित करने के संबंध में टाटा स्टील के अधिकारियों से वार्ता होगी।