Chandil : बुधवार 17 नवम्बर, 2021
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चित्र और चित्रकार की कला का अद्भुत समन्वय देखना हो तो कभी झारखण्ड आइये।
झारखण्ड की भूमि प्राकृतिक जीवन, कला और कलाकारों से भरी हुई है। यहां ऐसे हीरे भी देखने को मिलते हैं जिन्होंने देश दुनियाँ में अपना नाम कमाया है। लेकिन कुछेक ऐसे भी हैं जिनमें टैलेंट तो है, बस कमी है तो इन्हें तराशने की।
झारखंड की धरती से उभरते ऐसे ही एक चित्रकार हैं – चंदन महतो (Chandan Mahato), जिन्होंने कला की बदौलत अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।
बचपन से ही पेंटिंग और स्केच बनाना इनका खास शौक रहा है। घोरएंगी (Ghoranegi) चांडिल (Chandil) में जन्में चंदन महतो पिता गंगाधर महतो के साथ आज भी चांडिल और आसपास की गलियों में एक आर्टिस्ट के तौर पर जाने जाते हैं।
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले चंदन यू ट्यूब पर अपना एक चैनल भी चलाते हैं जहां इनकी कलाकारी और पेंटिंग के अजूबे आप देख सकते हैं।
लिंक नीचे दिया गया है-
आर्टिस्ट चंदन महतो पेपर और कैनवास के अलावा प्राकृतिक माध्यमों के सहयोग से पेंटिंग बनाते हैं।
15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर इन्होंने केले के पत्ते पर बिल्कुल अनोखे तरीके से बिरसा जी की एक पेंटिंग बनाई, जो वाकई में अपने आप में अनोखी लगती है।
टेलीफोनिक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि- ‘मुझे आर्ट में काफी रुचि है। और मै अपने आर्टवर्क में हमेशा एक नया प्रयोग करने की कोशिश करता रहता हूँ। ताकि में कुछ नया सिख सकूं।’
एक उभरते हुए कलाकार के तौर पर इनका प्रयास सराहनीय है। हमें इनके सीखने के हौसले की कद्र करनी चाहिए और इन्हें सपोर्ट भी करना चाहिए।
चंदन महतो जैसे सैकड़ों कलाकार हमारे झारखण्ड की धरती पर मौजूद हैं जो अपनी पहचान बनाने में लगे हैं। कइयों को मंजिल मिलती है तो कई परिवार का पेट भरने के लिए अपनी कला का ही बलिदान कर देते हैं।
आइये हम भी मिलकर इनकी आशाओं को एक पंख लगा देते हैं।
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