रांची | झारखण्ड
आइसा द्वारा छात्र युवाओं के मुद्दे पर यंग इंडिया रेफरेंडम (जनमत संग्रह) रांची विश्वविद्यालय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ।
ऑल इंडिया स्टूडेंटस एसोसिएशन (आइसा) के द्वारा पिछले दो महीना से मोदी सरकार का 10 साल, यंग इंडिया के 10 सवाल!
जुमला नहीं जवाब दो, 10 साल का हिसाब दो !! के राष्ट्रीय अभियान के तहत छात्र युवाओं के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था। इसी अभियान को आगे बढ़ते हुए देश भर के 50 से ज्यादा विश्वविद्यालय में 7 से 9 फरवरी तक यंग इंडिया रेफरेंडम आयोजित किया गया। यह रेफरेंडम छात्र– युवाओ के मुद्दों पर हो रहा है। रेफरेंडम में तीन सवाल है। जो शिक्षा और रोजगार से जुड़ा हुआ है। रिफ्रेंडम का काउंटिंग सामाजिक कार्यकर्ता महेश सवारियां और मजदूर नेता भीम शाहू के उपस्थिति में संपन्न हुआ।
रिफ्रेंडम में पूछे गए सवालों का मत संग्रह का रिजल्ट इस प्रकार है-
1. क्या हर साल हो रही बेताहाशा फीस वृद्धि छात्र –छात्राओं के लिए सही है?
हां 35 12.46%
नहीं 237 84.34%
पता नहीं 9 3.2%
Total vote 281
2. क्या मोदी सरकार ने हर जरूरतमंद छात्र– छात्राओं के लिए हॉस्टल और छात्रवृत्ति की पर्याप्त व्यवस्था की है?
हां 85 30.25 %
नहीं. 185 65.84%
पता नहीं 11 3.91%
Total vote 281
3. क्या मोदी सरकार ने अपने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा पूरा किया है?
हां 67 23.84%
नहीं. 203 72.24%
पता नहीं 11 3.91%
Total vote 281
इस अभियान के तहत रांची विश्वविद्यालय में भी 10 बजे से रेफरेंडम हो रहा था। रेफरेंडम कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं, युवाओ की भागीदारी बढ़-चढ़कर हो रही है।
बहुत सारे छात्र युवाओं ने कहा कि छात्र युवाओं के मुद्दों पर जनमत संग्रह कर छात्र युवाओं का मुद्दा 2024 के चुनाव में तय हो इसलिए जनमत संग्रह की परम्परा की शुरूआत करना, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन आइसा का यह पहल स्वागत योग्य है।
आइसा के झारखंड राज्य अध्यक्ष तरुण ने कहा कि आइसा हमेशा से छात्र, युवाओं के हित में विभिन्न सवालों को लेकर संघर्ष करते आ रही है। इसी कड़ी में यह सबसे अहम् कदम है जिससे मतदान प्रक्रिया और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
मौके पर शिल्पी घोषाल, सोनाली केवट, मोहम्मद समी, विजय कुमार, संजना मेहता सहित अन्य लोग मौजूद थे।