Chandil : शुक्रवार 03 दिसम्बर, 2021
आज शहीद खुदीराम बोस स्मारक समिति चांडिल की ओर से देश के पुष्प शहीद खुदीराम बोस का जन्म जयंती के अवसर पर माल्यार्पण, सांस्कृतिक व सभा का आयोजन हुआ।
सबसे पहले शहीद खुदीराम बोस की तस्वीर पर चांडिल ब्लाक के प्रमुख पत्रकार बंधु प्रकाश जी ने माल्यार्पण किया, फिर स्मारक समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा के द्वारा माल्यार्पण किया गया।
उसके बाद बारी-बारी से शहीद खुदीराम बोस स्मारक समिति के सदस्य एवं ऑटो चालक के साथीगण बारी बारी से पुष्प अर्पण किए।
कार्यक्रम मे सभा को संबोधित करते हुए शहीद खुदीराम बोस स्मारक समिति के संरक्षक ज्योति लाल महाली ने कहा आज खुदीराम बोस के विचारों को गांव शहर में सभी छात्र नौजवानों के बीच पहुंचाना जरूरी है। खुदीराम जैसे महान मनीषी जो मात्र 17 साल के उम्र में अंग्रेजों ने फांसी दिया।
साथ ही 2 साल पहले खुदीराम बोस के शहादत दिवस 11 अगस्त 2019 को खुदीराम बोस चौक पर स्मारक समिति की ओर से प्रशासन व अनुमंडल पदाधिकारी से अनुमति लेकर मूर्ति स्थापना व उदघाटन किया गया था। उसी दिन प्रशासन द्वारा उनके शहादत दिवस के दिन ही मूर्ति को उखड़ कर जप्त किया गया, खुदीराम बोस को अपमान किया गया। इस पर खुदीराम बोस स्मारक समिति कड़ी निंदा करती है।
2 वर्ष बीत गए फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्मारक समिति मांग करती है, कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई किया जाए। तथा स-सम्मानित रूप से पुन: उसी स्थान पर खुदीराम बोस का मूर्ति स्थापित किया जाए। सरकार इस पर कोई कार्रवाई अगर नहीं करती है, तो मजबूरन खुदीराम बोस स्मारक समिति आंदोलन करने में बाध्य होगी।
साथ ही इस कार्यक्रम में उपस्थित स्मारक समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा सचिव आशुदेव महतो, सदस्य अनंत महतो, डॉ सुभाष गोराई, अब्दुल खालिक, धीरेन गोढ़ ने भी बात रखी।
कार्यक्रम का विडियो देखें –
गीत मंडली द्वारा क्रांतिकारी गीत प्रस्तुति हुई-
“शहीदों ले लो मेरा सलाम” साथ ही खुदीराम बोस के ऊपर रचित गीत “एक बार विदाई दे मां घूरे असी हंसी हंसी परवो फांसी”
कार्यक्रम में उपस्थित खुदीराम बोस स्मारक समिति के सदस्य गण समिति के अध्यक्ष- मनोज वर्मा, सचिव- आशुदेव महतो, संरक्षक- ज्योति लाल महाली के साथ-साथ समिति के सदस्य सुभाष गोराई, अनंत कुमार महतो, भुजंग मछुआ, हाराधन महतो, उदय तंतुबाई, प्रभात महतो, युधिष्ठिर प्रमाणिक, विश्वेश्वर महतो, कैलाश महतो के साथ-साथ ऑटो चालक संघ के साथी रामप्रसाद लाहा, विद्याधर लाहा, बसंत महतो, महेंद्र लायक, दिलीप लाहा आदि उपस्थित थे।