जमशेदपुर: जमशेदपुर के भुइयांडीह स्थित स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसे इंद्रानगर और कल्याण नगर के निवासियों को हाल ही में नोटिस मिला है, जिसमें उनके घरों को तोड़ने की बात कही गई है। इस नोटिस से लगभग 150 घर प्रभावित हो रहे हैं, जबकि इस क्षेत्र में कुल 500 से अधिक घर हैं।
यहां के निवासी पिछले 35-40 सालों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं और इस दौरान सरकार ने उन्हें पानी, बिजली, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, और आधार कार्ड जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं, जो इसी पते पर बने हुए हैं। अब, जब उन्हें बेघर करने की बात की जा रही है, तो उन्होंने सरकार से सवाल उठाया है कि इतने सालों तक सरकार कहां थी।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर उनके घर तोड़े जाते हैं, तो उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। वे सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह गरीबों को पहले सुविधाएं देकर बसाती है और फिर उन्हें बेघर करने की कोशिश करती है।
इस स्थिति से नाराज होकर यहां के लोगों ने नारा दिया है: “घर नहीं तो वोट नहीं।” उनका कहना है कि जब तक उनके रहने का ठिकाना सुरक्षित नहीं होगा, वे सरकार को वोट नहीं देंगे।
यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है, और स्थानीय निवासियों के साथ-साथ अन्य लोग भी सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।