प्रतीकात्मक फोटो |
क्या थर्ड वेव आ चुका है? बिहार के छपरा जिले की यह घटना इस बात की ओर इशारा कर रही है जिसमें आठ वर्ष का एक नन्हा बच्चा नए लक्षणों के साथ संक्रमित हो चुका है। संक्रमण का यह नया रूप डॉक्टरों को कर रहा है परेशान। क्योंकि कोरोना का यह अनोखा मामला सामने आया है।
आपको बता दें कि इस मामले के आने से पटना के अस्पताल आइजीआइएमएस के डॉक्टर हैरान हैं। बच्चे के परिवार में किसी को भी कोरोना हुआ ही नहीं था। लेकिन बच्चा इससे हुआ संक्रमित। यह बच्चा छपरा का रहने वाला है जिसकी उम्र अभी मात्र आठ वर्ष है। कोरोना के आरटी-पीसीआर और एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन बच्चे को सांस लेने की समस्या के कारण जब इसका सीटी स्कैन कराया गया तब पता चला कि उसके फेफड़े 90% तक खराब हो चुका है। साथ ही बच्चे की किडनी और लिवर में भी इंफेक्शन बढ़ चुका है। वहीं आप को जान कर हैरानी होगी कि बच्चे के परिवार में अब तक कोई कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है। फिर बच्चा कैसे इस महामारी की चपेट में आ गया, सभी हैरान हैं।
वहीं इस केस को देखने के बाद डॉक्टरों को आशंका लग रहा है कि कहीं यह कोरोना का तीसरा वेब तो नहीं है।
पटना के आइजीआइएमएस हॉस्पिटल के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने इस मामले के बारे में बताया कि 22 मई 2021 को इमरजेंसी केस के तहत बच्चे को भर्ती कराया गया था। तब बच्चे को खांसी और बुखार था। साथ ही बच्चे को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। जिस वजह से बच्चे का कोरोना जांच आरटी-पीसीआर और एंटीजन के द्वारा किया। लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी हैरान हो गए। वहीं सीटी स्कैन का स्कोर 22/25 था जिसका मतलब साफ था कि बच्चे का फेफड़ा 90% कोरोना से संक्रमित था।
इस बच्चे में फेफड़े के साथ-साथ लिवर व किडनी में भी इंफेक्शन हो चुका था। डॉक्टरों ने बेहतर इलाज आरम्भ किया। कोरोना महामारी का अलग रूप के कारण बच्चे को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट के अलग रूम में रखा गया। इलाज के दौरान बच्चे को एंटीबायोटिक के अलावा रेमडेसिविर, स्टेरॉयड नेबुलाइजेशन दिया गया। साथ ही 16 ली प्रति मिनट का ऑक्सीजन चलाया गया था।
आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि बच्चा अब खतरे से बाहर है।
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