रांची | झारखण्ड
मुख्य बिंदु :
• वर्ष 2022-23 की स्वीकृत योजनाएं 15 जून तक पूर्ण करें पदाधिकारी, अन्यथा होगी कार्रवाई- सचिव, कृषि विभाग
• वित्तीय वर्ष 2023-24 की योजनाओं की स्वीकृति 31 मई तक करें सुनिश्चित
• कैलेंडर बनाकर प्रखंड स्तर पर मेला/ प्रदर्शनी लगायें
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दिकी ने निर्देश दिया है कि स्वीकृत्यादेश प्राप्त वित्तीय वर्ष 2022-23 की लंबित योजनाओं को किसी भी हाल में 15 जून तक पूरा करें। साथ ही चेतावनी दी कि अगर योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती जाएगी, तो संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी।
वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 की तालाब, डीप बोरिंग, परकुलेशन की योजनाओं की स्वीकृति 31 मई तक सुनिश्चित करें। सचिव नेपाल हाउस स्थित विकास आयुक्त कार्यालय के सभागार में सभी जिले से आये जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी एवं जिला सॉयल कन्जर्वेटिव पदाधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक कर रहे थे।
सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के प्रत्येक प्रखंड में कृषि से संबंधित मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। साथ ही विभागीय निदेशक यह सुनिश्चित करें कि विभाग की ओर से विभिन्न जिलों को आंवटित की गयी आवंटित राशि का व्यय नियमानुसार हो। निदेशक इसकी मॉनिटरिंग खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि कैलेंडर तैयार कर मेले और प्रदर्शनी की तारीख तय की जाए तथा इसका व्यापक तौर पर प्रचार – प्रसार किया जाए। 15 जून तक सभी प्रखंडों में मेले का आयोजन सुनिश्चित होना चाहिए। प्रत्येक प्रखंड कार्यालय में प्रधानमंत्री कृषि फसल राहत योजना का फ्लैक्स लगाया जाए, ताकि किसान पूरी जागरूकता के साथ योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।
श्री अबू बकर सिद्दिकी ने प्रोमोशन ऑफ द अर्बन फार्मिंग की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिये जिलास्तर पर एक कमेटी गठित करें, ताकि योजना फलीभूत हो सके। उद्यान विकास योजना के लिए विशेषज्ञों की राय लेने का भी उन्होंने निर्देश दिया। सॉयल कन्जर्वेशन की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी चालू योजनाएं हैं, उन्हें जल्द पूरा किया जाए तथा उसका बिल जेनरेट कर भुगतान सुनिश्चित करें। साथ ही पीएल एकाउंट से ली गयीं जलनिधि की योजनाओं को पूरा करें। 31 मई तक सभी आवेदित डीप बोरिंग की स्वीकृति मिले, यह सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य रूप से कृषि निदेशक श्री चंदन कुमार, विभाग के विभिन्न निदेशालयों के निदेशक सहित सभी जिला के कृषि पदाधिकारी, सॉयल कन्जर्वेटिव पदाधिकारी व जिला उद्यान पदाधिकारी उपस्थित थे।