जमशेदपुर | झारखण्ड
घाघीडीह संप्रेक्षण गृह के किशोरों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण, पेपर बैग, फाइल मेकिंग प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ।
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घाघीडीह संप्रेक्षण गृह में रहने वाले किशोरों को कुशल और दक्ष बनाने के उद्देश्य से व्यावसायिक प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। जिला प्रशासन और जिला बाल संरक्षण इकाई की पहल पर व्यावसायिक प्रशिक्षण की शुरूआत पेपर बैग, लिफाफा, फाइल मेकिंग से किया गया है, तीन माह की अवधि वाला यह प्रशिक्षण चिराग टेक्नीकल एंड कंप्यूटर एकेडमी (सीटीसीए) की ओर से दिया जाएगा। प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र के दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती संध्या रानी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ चंचल कुमारी, सम्प्रेक्षण गृह अधीक्षक मदन कुमार पटेल, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख रवि शास्त्री, सीटीसीए के संचालक व प्रशिक्षक दीपक कुमार श्रीवास्तव, गोपाल राव मौजूद रहे। बतौर मुख्य अतिथि जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी और डीसीपीओ डॉ चंचल कुमारी फाइल बनाने वाली मशीन का फीता काटकर उदघाटन किया।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य संप्रेक्षण गृह में रह रहे किशारों का समुचित विकास करना और रोजगार से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि बच्चे अंजाने में कुछ गलती कर इस जगह पर पहुंच जाते हैं, ऐसे में उनकी पढ़ाई छूट जाती है। उनका भटकाव न हो और वे संप्रेक्षण में रहने के दौरान समय का सदुपयोग कर सकें इसके लिए उनकी पढ़ाई के साथ स्वास्थ का भी ख्याल रखा जाता है।
ये बच्चे किशोर संप्रेक्षण गृह से बाहर निकलने के बाद अपने साथ कुछ हुनर लेकर निकले, वे कुशल और दक्ष हो ताकि गलत काम में न जाकर कोई रोजगार व स्वरोजगार कर सके, इसलिए इस तरह के प्रशिक्षण की शुरूआत की गयी है। उन्होंने कहा कि पेपर बैग, फाइल मेकिंग प्रशिक्षण की सफलता को देखते हुए अन्य तरह के व्यावसायिक प्रशिक्षण कराने की दिशा में पहल की जाएगी।
सीटीसीए के संचालक व प्रशिक्षक दीपक श्रीवास्तव ने पेपर बैग, फाइल, लिफाफा मेकिंग की जानकारी देते हुए बताया कि यह आज के समय में कितना जरूरी और उपयोगी है। पेपर बैग की बाजार मांग की जानकारी देते हुए कहा कि यह एक क्षेत्र है जहां थोड़ी बहुत कुशलता हासिल करने के बाद कोई भी खुद का रोजगार कम लागत में शुरू कर सकता है।खुद के साथ पूरा परिवार इस व्यवसाय से कमा सकता है।