“देख तमाशा दुनिया का,
कब लोगे अवतार प्रभु।
द्वापर, त्रेता बीत गया,
कलयुग का है यह काल प्रभु।
करो संहार कोरोना पर,
विपदा बड़ी भारी आई है।
जाने कौन-किस गली से गुजर जाए,
अब प्राण पर बन आई है।
ये कैसा अपराध प्रभु,
और कैसा न्याय है?
सृष्टि का कल्याण करो
अब यह असहाय है।
कब लोगे अवतार प्रभु,
अब कब लोगे अवतार।”
कोरोना विश्व के लिए केवल एक महामारी नहीं हैं बल्कि यह समस्त मानवजाति के लिए एक काल है। भारतीय पौराणिक कथाओं में ऐसे कई असुर पैदा हुए जिन्होंने मानवजाति को खत्म करने का प्रण ही कर लिया था और इस दिशा में वे चल भी पड़े थे। लेकिन मानवजाति की रक्षा और जगत कल्याण के लिए ईश्वर ने समय-समय पर विभिन्न रूप धर कर पृथ्वी को उन असुरों से बचाया।
आज वर्तमान समय में भी कोरोना नाम का शैतान महामारी के रूप में मानवजाति का सर्वनाश करने पर तुला हुआ है। लेकिन सबसे अच्छी बात तो यह है कि इससे निपटने के लिए ईश्वर ने हमारे बीच कई महामानवों को भेजा है जो निरंतर कोरोना से हमारी रक्षा करने हेतु प्रयासरत हैं। डॉक्टर, वैज्ञानिक, वोलंटियर, कोरोना वॉरियर्स, सोशल वर्कर्स सभी की हिम्मत ने कोरोना को कम करने का अतुलनीय कार्य किया है और कर रहे हैं। लेकिन कोरोना का अंत हमेशा के लिए कब होगा, कैसे होगा? यह अभी अबूझ पहेली है।
ऐसे में विश्व के सभी देश अपने स्तर से बेहतर नागरिक सुविधा मुहैया करा रहे हैं। हमें संयम से काम लेते हुए अपना और अपनों का ख्याल रखना चाहिए। जब तक कोरोना कमजोर होकर अपनी अंतिम सांसे न ले तब तक के लिए घर से बाहर जाते समय मास्क अवश्य पहने। बाहर दो गज की दूरी अवश्य रखे। घर पर आने के बाद साबुन से हाथ अच्छी तरह से धोएं।
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उष्ट्रासन
कोरोना खुद को अपडेट कर रहा है इसलिए वैक्सीन समय पर लें।
महिषासुरमर्दिनिस्तोत्रम्