जमशेदपुर : एनआईटी में आयोजित IAC 2024 कॉन्क्लेव में IEM इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, कोलकाता की टीम ने अपने अभिनव प्रोजेक्ट ‘वेस्ट ऑयल रिसाइक्लर’ का प्रदर्शन किया। इस टीम में श्यंतन कुंडू, अद्रिजा घोष और सुवोजित मैती शामिल थे। उन्होंने अपने प्रोडक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यह इस्तेमाल किए गए और बेकार तेल को फिल्टर करके पुनः उपयोग योग्य बनाता है, जिससे न केवल पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि यह ऊर्जा संसाधनों का भी कुशल उपयोग सुनिश्चित करता है।
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पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में पहल
टीम ने बताया कि इंजन तेल का अनुचित निपटान पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। लाखों लीटर इस्तेमाल किया गया स्नेहक तेल, अगर सही तरीके से पुनर्चक्रित न किया जाए, तो यह मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित कर सकता है। उन्होंने इस तकनीक को इस समस्या का समाधान बताते हुए कहा कि ‘वेस्ट ऑयल रिसाइक्लर’ विशेष रूप से छोटे व्यवसायों जैसे ऑटो मरम्मत की दुकानों और गैरेज के लिए फायदेमंद है।
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
इस तकनीक की खासियत यह है कि यह अपशिष्ट स्नेहक तेल को डीजल के समकक्ष ईंधन में परिवर्तित करता है। यह छोटे व्यवसायों को न केवल आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाता है बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी टिकाऊ बनाता है। टीम का मानना है कि उनकी यह पहल औद्योगिक और परिवहन क्षेत्रों में स्थायी विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकती है।
इस प्रोजेक्ट ने कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इसे भविष्य में बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।