जमशेदपुर | झारखण्ड
मुकुल बोले राजनितिक नफा-नुकसान का एक माह तक आकलन करने के बाद धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया”
भाजमो पश्चिम विधानसभा के संयोजक मुकुल मिश्रा ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कदमा हिंसा प्रकरण में निर्दोष हिंदु नेताओं, विहिप कार्यकताओं के समर्थन में गिरफ्तारी के एक माह बाद भाजपा की महानगर इकाई द्वारा डीसी आफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन किए जाने पर सवाल खड़े किए है. मुकुल ने कहा की राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी जो पुरे देश में हिंदुत्व के ऐजेंडा में हर वक्त खड़ी दिखाई देती है. उस पार्टी की जमशेदपुर महानगर इकाई ने शहर की घटना पर एक माह तक रहस्मय चुप्पी साधे रखी. बेकसूर हिंदु कार्यकर्ताओं, भाजपा के हिंदुवादी नेताओं को प्रशासन ने अपराधी की भांती दबिश देकर उनके घरों से गिरफ्तार किया और पुरे शहर के हिंदु जनमानस की भावनाओं को आघात पहुँचाया.
तब यही पार्टी हिंदु – जन-भावनाओं का ख्याल ना करते हुए सिर्फ एक व्यक्ति विशेष के इशारे पर किसी तरह के भी आंदोलन करने से भागते रही. राजनितिक नफा-नुकसान का पुरे एक माह तक आकलन करने के बाद पार्टी को अपने पाकेटी संगठन समझने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीयस्तरीय नेता ने हिंदु नेताओं को समर्थन करने के लिए क्या अपनी सहमती प्रदान की ?
मुकुल मिश्रा ने आरोप लगाया की जब हिंदु नेताओं की रिहाई के लिए एक सर्वदलीय मंच सर्वजन हिंदु समिति बनकर तैयार हो गई थी और आंदोलन काफी आगे बढ़ गया था तब इस राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता ने अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देख भाजपा महानगर को सक्रीय होने का फरमान जारी किया. इससे यह साफ प्रतित हो गया की विभिन्न दलों के हिंदु धर्म के नेताओं की एकजुटता और भाजपा के तथाकथित राष्ट्रीय स्तर के नेता की हिंदुओं के प्रति हिन भावना का भांडा फुट जाने के बाद यह धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन राजनितिक नफा-नुकसान को देखकर किया गया है और एक गंदी साजिश के तहत हिंदु नेताओं की बिना शर्त रिहाई के लिए गठित सर्वजन हिंदु समिति को खंडित करने के लिए किया गया है. संघ के निर्देश पर जब सर्वजन हिंदु समिति का आंदोलन अपार सफलता की ओर अग्रसर हुआ तब ऐसी कौन सी परिस्थिति उत्पन्न हो गई की अचानक इस समिति के आंदोलन को पुनरविणाम लगाकर भाजपा महानगर कमेटी के बैनर तले आंदोलन करने का निर्णय एकाएक लिया गया.