सुबह का अरघ : छठ पूजा के लिए तैयार प्रसाद एवं प्रदीप्त दीप के साथ सुप |
महापर्व छठ : बृहस्पतिवार 11 नवम्बर, 2021
आस्था और पवित्रता का महापर्व छठ का दूसरा अरघ आज पवित्र स्नान और उदयीमान सूर्योपासना के साथ संपन्न हुआ।
तड़के सुबह 3:00 – 3:30 बजे से ही व्रती, श्रद्धालु और प्रियजन अपने साधनों से घाट की ओर प्रस्थान करने लगे थे।
महापर्व छठ की पूजन सामग्री |
बहते पानी या नदी के किनारे का नजारा देखने लायक होता है। फलों से सजी सुप और जलते दीये ऐसा लगता है मानों असंख्य जुगनू जगमगा रहे हों। दृश्य मनोरम बन जाता है।
स्नान के लिए जाते श्रद्धालु |
सुबह 5:00 बज चुके थे। धीरे-धीरे आसमान में लालिमा दिखने लगी। सबेरा होने लगा था लेकिन सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिया। बादलों ने अपने आँचल से उन्हें ढ़क रखा था। कुछ व्रती दातुन करने के उपरांत स्नान करने के लिए जल स्रोत (नदी / तालाब) में उतर गए। ठंढे मौसम में भी पानी गर्म था।
यही वह समय था जिसका बेसब्री से इंतजार छठव्रती और श्रद्धालु कर रहे थे। आस्था की डुबकी लगाने के लिए व्रती और श्रद्धालु कतारबद्ध हो गए थे। पानी गर्म थी और ठंठ का अहसास केवल हवा चलने पर हो रहा था।
बहते पानी में स्नान के बाद सूर्य देव की उपासना की गई। प्रसाद से भरे सुप को हाथों में लिए व्रती पांच बार एक ही स्थान पर क्लॉकवाइज घूम रहे थे। श्रद्धालु और प्रियजन लोटा में दूध या जल लेकर सूर्य देवता की ओर मुख करते हुए सुप के सामने अरघ दे रहे थे।
थोड़ी ही देर में सूर्य भगवान ने लालिमा खत्म करते हुए दीप्तिमान होने लगे, निरंतर उनका प्रकाश तेज होने लगा।
सूर्य भगवान की उपासना में लीन में छठव्रती |
व्रतियों ने गीले वस्त्र बदले और सूखे वस्त्र धारण किये है। श्रद्धालु व्रतधारियों के चरण स्पर्श करते हुए आशीर्वाद प्राप्त करने लगे। ऐसा माना जाता है कि यह आशीर्वाद स्वयं भगवान सूर्य और छठ माता के द्वारा दिया जा रहा है। यह पवित्र एवं सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाला आशीर्वाद होता है।
व्रतियों द्वारा उतारे गए गीले वस्त्र को परिवार के सदस्य अथवा प्रियजन धोने के लिए लेते हैं। साथ ही उस कपड़े से शरीर को या किसी भी हिस्से को पोछते है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि शरीर का कोई भी रोग-दोष इस कपड़े से पोछने पर दूर हो जाता है। बड़ी से बड़ी विपत्ति टल जाती है। यह भी माना जाता है कि उस वस्त्र को जो धोकर लाता है उसे भी पवित्र आशीर्वाद मिलता है।
आस्था का महापर्व छठ पूरा करते हुए सुबह 8:00 बजे से लोग अपने घरों को जाने लगे थे। गर्मागर्म चाय और खीर का आनंद सभी प्राप्त कर रहे थे। वहीं कुछ गरीब और अक्षम श्रद्धालु व्रतियों से प्रसाद मांग रहे थे कुछ कतारबद्ध होकर प्रसाद पाने के लिए बैठे हुए थे।
आपातकाल स्थिति के लिए गोताखोर और टेंट लगाए सामाजिक कार्यकर्ता भी तैनात थे।
महापर्व छठ के सुबह में हुई अरघ की कुछ खास तस्वीरे देखें-
सूर्य भगवान की प्रतीक्षा में छठव्रती – 2 |
सूर्य भगवान की प्रतीक्षा में छठव्रती – 3 |
नदी किनारे छठ गीत गाते छठव्रती |
नदी किनारे छठ गीत गाते छठव्रती – 2 |
छठव्रती भोर के समय नदी किनारे |
छठव्रती सूर्य की लालिमा में स्नान करते हुए |
छठव्रती सूर्योपासना करते हुए |
सुबह के अरघ की तैयारी करते श्रद्धालु |
सूर्योपासना करती छठव्रती |
सूर्यदेव का आगमन |
छठ पूजा में आये श्रद्धालु |
छठ पूजा में आये श्रद्धालु उगते हुए सूर्य अभिवादन करते हुए |
छठ पूजा में आये श्रद्धालु – 2 |
छठ पूजा में आये श्रद्धालु – 3 |
गाने बाजे के साथ छठ पूजा कर जाते छठव्रती |
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