New Delhi : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शीर्षक कोविड-19 टीकाकरण: मिथक बनाम तथ्य के क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज दिनांक 23 जून, 2021 को एक बार फिर अखबार और मीडिया में उड़ रही अफवाहों को दूर करते हुए सच्चाई को सामने लाया है।
उन लोगों के लिए टीकाकरण सत्र आयोजित करने को लेकर विशेष प्रावधान किए गए हैं जिनके पास नौ में से कोई भी पहचान पत्र नहीं है या जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है।
वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके घर के पास ही टीकाकरण सेवाएं भी प्रदान की गईं।
कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह आरोप लगाते हुए बात सामने आई है कि तकनीकी जरूरतों की अनुपलब्धता के कारण बेघर लोगों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने से ‘रोका गया और साफ तौर पर छोड़ दिया गया’ है।
एक मोबाइल फोन का स्वामित्व कोविड टीकाकरण के लिए कोई आधार नहीं है।
टीकाकरण का लाभ लेने के लिए पता का प्रमाण प्रस्तुत करना भी अनिवार्य नहीं है।
टीकाकरण का लाभ लेने के लिए को-विन पर ऑनलाइन पूर्व-पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं है।
उपयोग करने वालों को आसानी से समझ आने के लिए को-विन एप्प / वेबसाइट अब 12 भाषाओं में उपलब्ध है। इनमें हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, ओड़िया, बंगाली, असमिया, गुरुमुखी (पंजाबी) और अंग्रेजी हैं।
इन प्रावधानों के द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है।वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके घर के पास ही टीकाकरण सेवाएं भी प्रदान की गईं हैं। भारत सरकार ने 27 मई 2021 को वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए घर के पास टीकाकरण केंद्र सेवाओं के लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी है।
क्या बिना स्मार्टफोन या इंटरनेट या कोविन में रजिस्ट्रेशन कराये बगैर टीकाकरण का लाभ प्राप्त किया जा सकता है?
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