कोविद-19 या कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को यह सबक तो दे ही गया कि ऑक्सीजन हमारे लिए कितना आवश्यक है। जैसा कि हम जानते हैं पृथ्वी पर ऑक्सीजन का स्तर बनाये रखने के लिए प्रकृति ने पेड़ पोधों का निर्माण किया है। जिसे आधुनिकीकरण और इफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर अंधाधुन काटा जा रहा है। जिससे ऑक्सीजन का स्तर बदल चुका है। तभी तो अब यह फैक्ट्रीयों में बनाया जा रहा है। जहां कल तक यह फ्री उपलब्ध हुआ करता था वहीं आज हम मजबूर हो कर इसकी कीमत के विपरीत अधिक रुपये देकर खरीद रहें हैं।
विश्व के कई देश कोरोना महामारी से सम्भल चुके है लेकिन वर्तमान में भारत में इस महामारी का प्रकोप जारी है। वहीं ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई मरीजों की मौत हुई है।
वर्तमान भारत सरकार ने यह घोषणा की है कि भारत के हर जिले में एक ऑक्सीजन प्लांट बनाया जाएगा। जिससे ऑक्सीजन की कमी न हो पाए। किंतु उन्होंने यह नही कहा कि हर व्यक्ति प्राकृतिक ऑक्सीजन को प्राप्त करने के लिए अपने घरों या आसपास के स्थलों में वृक्ष/पेड़, पौधे लगाए।
धरती पर ऑक्सीजन का सर्वोत्तम सोर्स पेड़-पौधे ही है। वहीं पर्यावरणविदों का मानना है कि वृक्षों के अभाव में हम कृत्रिम ऑक्सीजन का निर्माण भी नहीं कर पाएंगे। इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना चाहिए।
लेकिन दोस्तों क्या आप उन वृक्षों के नाम जानते हैं जो पृथ्वी पर सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। आइये आज हम उन वृक्षों के बारे में बात करते हैं।
अभी तक छह प्रमुख वृक्षों के बारे में बताया गया है जिनके नाम हैं – पीपल, बरगद, अशोक, अर्जुन, जामुन और नीम। जो प्रकृति के लिए वरदान है और जिनसे पृथ्वी पर ऑक्सीजन का स्तर बेहतर बना रहता है। ये वृक्ष हमें और हमारे आसपास के वातावरण को भी स्वस्थ रखते हैं।
1. पीपल (Ficus religiosa) – पीपल का वृक्ष धार्मिक रीति से भी महत्वपूर्ण है। हिन्दू और बौद्ध धर्म के लोग इसकी पूजा करते हैं। यह वृक्ष 80 फीट तक लंबा हो सकता है। यह एक ऐसा वृक्ष है जो लगभग 24 घंटे और सबसे अधिक ऑक्सीजन देता है। आयुर्वेद में इसके गुणों की विस्तार से चर्चा की गई है।
2. बरगद (Banyan) – बरगद का वृक्ष भी हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। यह बहुत लंबा और विशाल हो सकता है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह अमृत वृक्ष है। यह भी पर्यावरण को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है। यह जितना विशाल होगा उतना ही ऑक्सीजन देगा।
3. अशोक (Saraca asoca) – यह पीपल और बरगद की तुलना में छोटा होता है। लगभग 25 से 30 फिट तक ऊंचा होता है। लोग इसे सजावटी वृक्षों के रूप में अपने बागीचों में जगह देते हैं। यह एक औषधीय वृक्ष भी है। अशोक का वृक्ष ऑक्सीजन देने के अलावा पर्यावरण में फैली जहरीली गैसों को सोखता है। सम्राट अशोक ने अपने राज्य के सभी रास्तों पर इस वृक्ष को लगवाया था।
4. अर्जुन (Terminalia arjuna) – इसकी ऊंचाई 60 से 80 फ़ीट तक होती है। यह एक औषधीय वृक्ष है। अर्जुन के वृक्ष के बारे में कहते हैं कि इसके छाल उत्तरलेने के बाद फिर से बन जाते है। यह वातावरण से प्रदूषित गैसों को सोख कर उन्हें ऑक्सीजन में बदल देता है। यह सालों भर हरा रहता है साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी है।
5. जामुन (Eugenia Jambolana) – इसे Java Plum भी कहते है। यह भी औषधीय गुणों से भरा पड़ा है। इसके फल मधुमेह रोगियों के लिए अमृत के समान हैं। इसके वृक्ष 50 से 100 फीट तक लंबे होते हैं। यह सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन जैसी खतरनाक गैसों को हवा से सोख लेता है।
6. नीम (Azadirachta Indica) – नीम भी एक औषधीय गुणों वाला वृक्ष है। इसे नैचुरल एयर प्यूरीफायर माना जाता है। यह प्रदूषित गैसों, कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके, ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। जिससे इसके आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
इनके अलावा भी कई अन्य पेड़-पौधे है जिनसे प्रचुर मात्रा में धरती को ऑक्सीजन मिलता है।
इनमें तुलसी का पौधा सर्वाधिक पवित्र और औषधीय गुणों वाला माना जाता है। लगभग सभी हिन्दूधर्म के मानने वाले इसे अपने घरों में लगाते हैं। यह अपने आसपास ऑक्सीजन लेबल को बेहतर बनाये रखता है। साथ ही हानिकारक गैसों को भी सोखता रहता है।
दोस्तों, फ्री में मिलने वाले ऑक्सीजन के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड रहे हैं। तो क्यों न हम सब अपनी सिलेंडर खरीदने के बजाय अपने नाम का एक पौधा लगाए। जो हमारे बुढ़ापे में हमें फ्री में ऑक्सीजन दे सके।
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