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झारखंड

“ना सहेंगे, ना कहेंगे, बदल कर रहेंगे” – भाजपा करेगी परिवर्तन यात्रा का आगाज।

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"ना सहेंगे, ना कहेंगे, बदल कर रहेंगे" - भाजपा करेगी परिवर्तन यात्रा का आगाज।

कोल्हान प्रमंडल में 23 सितंबर से भाजपा करेगी परिवर्तन यात्रा का आगाज, “ना सहेंगे, ना कहेंगे, बदल कर रहेंगे” के संकल्प के साथ कोल्हान में 1100 किमी की होगी यात्रा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वमी ने कहा- कुव्यवस्था से त्रस्त जनता की भावनाओं का प्रतीक है परिवर्तन यात्रा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 23 सितंबर को बहरागोड़ा विधानसभा विशाल जनसभा को करेंगे संबोधित।

● कोल्हान प्रमंडल के सभी 14 विधानसभा में भाजपा सुसज्जित रथ निकालकर हेमंत सरकार के पांच साल की नाकामियों, कुव्यवस्था, भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी, निरंकुशता और बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठ पर जनता को करेगी जागरुक।

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जमशेदपुर। भारतीय जनता पार्टी झारखंड के छह सांगठनिक प्रमंडलों में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। कोल्हान प्रमंडल में 23 सितंबर से भाजपा परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करने जा रही है। इस यात्रा की शुरुआत बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के पवित्र चित्रेश्वर धाम से होगी और समापन चाईबासा में होगा।

इस परिवर्तन यात्रा का उद्देश्य झारखंड में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन को अंजाम देना है। इस यात्रा के माध्यम से राज्य की जनता को वर्तमान हेमंत सरकार के पांच साल की नाकामियों, कुव्यवस्था, भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी, निरंकुशता और बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठ से आदिवासी जनसंख्या में हो रहे बदलाव से जनता को अवगत कराया जाएगा।

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झारखंड के लोगों की पहचान ईमानदारी, सच्चाई और परिश्रम से है, लेकिन हेमंत सरकार ने भ्रष्टाचार के ऐतिहासिक कारनामों से झारखंड को देश और दुनिया में बदनाम कर दिया है। बुधवार को साकची स्थित जिला भाजपा कार्यालय में कोल्हान प्रमंडल में परिवर्तन यात्रा की विस्तृत जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित प्रेस वार्ता में परिवर्तन यात्रा के कोल्हान प्रभारी और भाजपा झारखंड प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से झारखंड की गठबंधन सरकार ने राज्य के स्वाभिमान, अस्मिता और पहचान को गहरा आघात पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने भ्रष्ट कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन सरकार को सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है। यह परिवर्तन यात्रा तीन करोड़ से अधिक झारखंडवासियों की जनभावनाओं का प्रतीक है, जो अब बदलाव के लिए तैयार है। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश मंत्री सह परिवर्तन यात्रा के कोल्हान सह प्रभारी नंदजी प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा एवं सह मीडिया प्रभारी अखिल सिंह मौजूद रहे।

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डॉ. गोस्वामी ने कहा कि 23 सितंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री एवं झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान बहरागोड़ा क्षेत्र में विशाल जनसभा से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार के शासनकाल में प्राकृतिक संसाधनों की दोनों हाथों से जमकर लूट हो रही है।

बालू, पत्थर, खनिज, लकड़ी और खनिज संपदाओं की अवैध खनन पूरे राज्य में धड़ल्ले से हो रही है, और इन सभी कृत्यों को सत्ता में बैठे नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड की गठबंधन सरकार ने अपने भ्रष्ट आचरण और वादाखिलाफी से राज्य की जनता और युवाओं को पूरी तरह निराश और हताश कर दिया है। ऐसे में भाजपा की यह परिवर्तन यात्रा जनता की आवाज बनकर उभरेगी और निरंकुश व तानाशाही सरकार को अब उखाड़ फेंकेगी।

डॉ. गोस्वामी ने बताया कि यात्रा के दौरान कोल्हान प्रमंडल के विभिन्न विधानसभा के 11,000 किलोमीटर के क्षेत्र में जनसभाओं और रोड शो का आयोजन किया जाएगा। कहा कि इस यात्रा के माध्यम से राज्य की जनता में एक नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार होगा। इसमें कोल्हान के 14 विधानसभा क्षेत्रों में विशाल जनसभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें से 2 बड़ी महा जनसभाएं भी होंगी। इस यात्रा में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे सुभेंदु अधिकारी और अन्य दिग्गज नेता भी शामिल होंगे, जो राज्य की जनता और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों से सीधा संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे।

डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि परिवर्तन यात्रा का थीम “ना सहेंगे, न कहेंगे, बदल कर रहेंगे” है, जो राज्य की जनता के आक्रोश और बदलाव की भावना को प्रदर्शित करता है। कहा कि हमने राज्य की हेमंत सरकार को उनकी जनविरोधी नीतियों और वादाखिलाफी पर लगातार आंदोलन के माध्यम से आगाह करने का प्रयास किया है। अब इस निरंकुश और अकर्मण्य सरकार को और समय नही दिया जा सकता है। परिवर्तन यात्रा न केवल सत्ता परिवर्तन के लिए बल्कि भ्रष्टाचार और कुशासन से त्रस्त राज्य की व्यवस्था को बदलने के लिए भी है।

यात्रा के दौरान भाजपा एक सुसज्जित रथ-नुमा मंच का उपयोग करेगी, जहां से नेताओं के भाषण होंगे और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। परिवर्तन यात्रा में प्रत्येक गांव, क्षेत्र, कस्बों के लोग भाग लेंगे और इसे ऐतिहासिक आंदोलन बनाएंगे। परिवर्तन यात्रा के माध्यम से ना सहेंगे, ना कहेंगे, बदल कर रहेंगे” और हेमंत सोरेन जवाब दो, पांच साल का हिसाब दो के नारों के साथ जनता जवाब मांगेगी।

वहीं, प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार के दिन अब गिनती के बचे हैं। राज्य की जनता ने मन बना लिया है कि इस निकम्मी और झारखंड विरोधी सरकार को सत्ता से बाहर कर और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली विकासोन्मुखी भाजपा सरकार को चुनेगी।

प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि यात्रा के माध्यम से भाजपा का उद्देश्य राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का अंत कर विकसित झारखंड बनाने का है, जहां जनता का हित सर्वोपरि होगा और राज्य का सर्वांगीण विकास प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि मीडिया प्रबंधन के दृष्टिकोण से सभी विधानसभा में पार्टी ने मीडिया प्रभारी की नियुक्ति की है।

भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि जमशेदपुर महानगर अंतर्गत पोटका और जुगसलाई विधानसभा में परिवर्तन यात्रा के तहत जनसभा का आयोजन सुनिश्चित किया गया है। वहीं, यात्रा की सफलता और व्यापक जनभागीदारी को लेकर पार्टी विभिन्न स्तर पर तैयारी कर रही है।

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झारखंड

वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद कथित सेक्युलर चेहरों से उतर गया नकाब : सुधीर कुमार पप्पू

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सुधीर कुमार पप्पू

जमशेदपुर। मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित करवा लिया है, जिसके बाद देश की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तथाकथित सेक्युलर चेहरों की असलियत अब जनता के सामने आ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज को धोखा देने वाले नेताओं को अब आगामी चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में असंतोष बढ़ा है और मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी इसका नुकसान होगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा भाजपा को समर्थन देना भी उनके लिए महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय अब उन्हें समर्थन नहीं देगा।

पप्पू ने आरोप लगाया कि यह विधेयक एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है जिसके जरिए मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है ताकि उन्हें पूंजीपतियों को सौंपा जा सके। उन्होंने कहा कि यह विधेयक गैर संवैधानिक है और इसकी वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। पूरे देश में इसके खिलाफ आंदोलन का माहौल बनता जा रहा है जो आने वाले समय में मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

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कानूनी दृष्टिकोण से वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के पक्ष और विपक्ष में तर्क:

इस विधेयक को लेकर सरकार का तर्क है कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का माध्यम है। विवादित संपत्तियों के निर्धारण, वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए इसमें कई प्रावधान जोड़े गए हैं। साथ ही, गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करने से समुदायों के बीच समरसता को बढ़ावा मिलेगा।

वहीं दूसरी ओर, इसके विरोध में यह कहा जा रहा है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 14, 15 और 300A का उल्लंघन करता है। विशेष रूप से धारा 3E (Section 3E) को लेकर गंभीर आपत्ति जताई गई है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि यह प्रावधान अनुसूचित जनजातियों के उन सदस्यों को वक्फ के रूप में संपत्ति समर्पित करने के अधिकार से वंचित करता है जो इस्लाम धर्म अपना चुके हैं। अनुसूचित जातियों के विपरीत, अनुसूचित जनजातियों के सदस्य धर्म परिवर्तन के बाद भी अपनी जनजातीय पहचान नहीं खोते। ऐसे में इस्लाम अपनाने वाले जनजातीय व्यक्ति मुसलमान भी माने जाते हैं, परन्तु इस संशोधन द्वारा उन्हें अपने धर्म के एक आवश्यक अंग का पालन करने से रोका जा रहा है, जो कि अनुच्छेद 25 और 26 के तहत उनके धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।

यह प्रावधान अनुच्छेद 14 और 15 का भी उल्लंघन करता है क्योंकि यह धर्म के आधार पर अनुसूचित जनजातियों के बीच और जनजातीय मुसलमानों के बीच भेदभाव करता है। इसके अतिरिक्त यह अनुच्छेद 300A के तहत संपत्ति के अधिकार को भी अप्रभावी बनाता है। इस प्रकार, यह संशोधन मनमाना, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है तथा इसे रद्द किया जाना चाहिए।

निष्कर्षतः, वक्फ संशोधन विधेयक एक संवेदनशील और बहुआयामी विषय है जो धार्मिक अधिकार, अल्पसंख्यक संरक्षण और प्रशासनिक सुधार – तीनों के बीच संतुलन की मांग करता है। इसे केवल राजनीतिक चश्मे से नहीं बल्कि संविधान और न्यायिक समीक्षा की कसौटी पर परखा जाना चाहिए।

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रोटरी क्लब वेस्ट ने आयोजित किया प्रेरणादायक पर्यावरण जागरूकता सत्र, डॉ. विक्रांत तिवारी ने साझा किए अनुभव

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जमशेदपुर : रोटरी क्लब वेस्ट जमशेदपुर द्वारा मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के प्रेक्षागृह में एक प्रेरणादायक पर्यावरण जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे प्रख्यात पर्यावरणविद् और सामाजिक उद्यमी डॉ. विक्रांत तिवारी, जिन्होंने अपने दो दशक से अधिक के कार्य अनुभव के आधार पर युवाओं और शिक्षकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया।

डॉ. तिवारी का प्रेरणास्पद संदेश

आईआईएम कलकत्ता और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र डॉ. तिवारी ने बताया कि उन्होंने अब तक 17 मिलियन से अधिक पेड़ों का रोपण करवाया है और कई एनजीओ को संसाधन जुटाने में सहायता प्रदान की है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी टीम न केवल हरित भारत की कल्पना को साकार कर रही है, बल्कि आदिवासी कला और संस्कृति को बढ़ावा देकर सतत विकास की दिशा में भी कार्य कर रही है।

डॉ. तिवारी ने छात्रों को बताया कि “पर्यावरण संरक्षण कोई विकल्प नहीं, बल्कि यह अब हमारी अनिवार्य जिम्मेदारी बन चुकी है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर छोटे लेकिन असरदार कदम उठाने होंगे।”

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विद्यालय प्रबंधन की सक्रिय भागीदारी

इस कार्यक्रम की सफलता में स्कूल प्रबंधन समिति, विशेष रूप से प्राचार्या श्रीमती संगीता सिंह, उप प्राचार्या और समन्वयक शिक्षकों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने छात्रों को न केवल आयोजन से जोड़ा, बल्कि पर्यावरणीय चेतना को व्यवहार में उतारने का संदेश भी दिया।

रोटरी क्लब की प्रतिबद्धता

रोटरी क्लब वेस्ट की यह पहल संगठन की स्थिरता, हरित भविष्य और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाती है। क्लब ने इस सत्र के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वे न केवल समाज सेवा में, बल्कि पर्यावरण संरक्षण जैसे संवेदनशील विषयों पर भी जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

छात्रों में दिखा उत्साह

सत्र के दौरान छात्रों ने पर्यावरण से जुड़ी जिज्ञासाओं को खुलकर साझा किया और डॉ. तिवारी से मार्गदर्शन प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में “प्रकृति से संवाद” विषय पर एक लघु प्रस्तुति ने सभी को भावुक और जागरूक कर दिया।

यह आयोजन न केवल एक जागरूकता अभियान था, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना, जो भावी पीढ़ी को हरित और टिकाऊ भारत के निर्माण की दिशा में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

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निजी स्कूलों में आदेश की अवहेलना कर किताबों की बिक्री, अभिभावक संघ ने की कार्रवाई की मांग

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जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला के कई निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेशों की अवहेलना करते हुए स्कूल परिसर में किताबों की बिक्री जारी रखने का मामला सामने आया है। इस पर नाराजगी जताते हुए जमशेदपुर अभिभावक संघ ने उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र सौंपकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 की धारा 7(अ)(3) के अनुसार स्कूल परिसर का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। इसके तहत स्कूल किसी भी प्रकार के व्यापारिक गतिविधि, जैसे किताबें, यूनिफॉर्म या जूते आदि की बिक्री के लिए अभिभावकों या छात्रों को बाध्य नहीं कर सकता।

जारी हैं व्यवसायिक गतिविधियाँ, आदेश की हो रही अनदेखी

अभिभावक संघ ने दावा किया है कि despite विभागीय आदेशों के बावजूद, जमशेदपुर के कुछ प्रतिष्ठित निजी स्कूल – जैसे सेंट मैरी स्कूल बिस्टुपुर, चिन्मया स्कूल बिस्टुपुर और जुस्को स्कूल बिस्टुपुर, अपने परिसरों में किताबों की बिक्री कर रहे हैं। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक दबाव भी डालता है।

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पिछले आदेशों की भी हो रही अनदेखी

ज्ञात हो कि जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा पूर्व में भी स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि:

  • स्कूल परिसर का उपयोग केवल शिक्षण कार्यों के लिए किया जाए।
  • स्कूल किसी भी विशेष विक्रेता से सामग्री खरीदने के लिए छात्रों को बाध्य न करें।
  • किसी भी परिस्थिति में परिसर में किताब या अन्य शैक्षणिक सामग्री की बिक्री न हो।

अभिभावक संघ का कहना है कि इन आदेशों के बावजूद कई स्कूल खुलेआम इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो न केवल गैरकानूनी है बल्कि नैतिक रूप से भी अनुचित है।

कार्रवाई की मांग

डॉ. उमेश कुमार ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे सभी स्कूलों पर अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप न्यायसंगत कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी संस्था शिक्षा के नाम पर व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा न दे सके।

संघ ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है और चेताया है कि यदि इस पर जल्द कदम नहीं उठाया गया, तो अभिभावकों द्वारा जन आंदोलन भी शुरू किया जा सकता है।

वीडियो देखें : 

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