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बंगाल में हिंसा और हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर विश्व हिन्दू परिषद सरायकेला-खरसावां ने राष्ट्रपति से ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग की

- बंगाल हिंसा को लेकर विश्व हिन्दू परिषद सरायकेला-खरसावां की राष्ट्रपति से मांग
📌 ममता सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की उठी मांग, कहा— हिंदू समाज असुरक्षित
सरायकेला-खरसावां : विश्व हिन्दू परिषद सरायकेला-खरसावां ने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे कथित हमलों और सांप्रदायिक तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। परिषद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और ममता बनर्जी सरकार को तुरंत बर्खास्त करने की अपील की है।
⚠️ वक्फ कानून विरोध की आड़ में हिंसा का आरोप
विहिप ने कहा कि 11 अप्रैल 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर शुरू हुई हिंसा एक सुनियोजित हिन्दू विरोधी हमला था। मुर्शिदाबाद में शुरू हुई यह हिंसा अब पूरे राज्य में फैल चुकी है। परिषद के अनुसार, सैकड़ों हिन्दू परिवारों को निशाना बनाकर उनके घर और दुकानें जलाई गईं। कई लोगों को बुरी तरह पीटा गया, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ, और तीन लोगों की हत्या कर दी गई।
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप
विहिप का कहना है कि ममता सरकार हिंसक भीड़ पर कार्रवाई करने के बजाय उनके साथ खड़ी नजर आई। मुख्यमंत्री का दंगाइयों से मिलना और हिंसा पीड़ितों की उपेक्षा करना इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन निष्क्रिय ही नहीं, बल्कि पक्षपाती भी हो गया है।
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☠ राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया खतरे में
विहिप ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि बंगाल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन घुसपैठियों को आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज मिल रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता को लेकर भी चिंता जताई गई है।
📝 परिषद की 10 प्रमुख मांगे
- बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
- हिंसा की जांच NIA से करवाई जाए।
- कानून व्यवस्था केंद्रीय बलों के हाथों में दी जाए।
- बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर निष्कासन किया जाए।
- भारत-बांग्लादेश सीमा पर अविलंब बाड़ लगाई जाए।
- हिन्दुओं के हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए।
- हिंसा पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
- जिहादियों की संपत्ति जब्त कर उससे मुआवजा वसूला जाए।
- धार्मिक आयोजनों में आ रही बाधाएं समाप्त की जाएं।
- हिन्दू विरोधी गतिविधियों में शामिल अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
📢 ज्ञापन सौंपने वालों में शामिल प्रमुख लोग
- डॉ. जी. एन. दास (जिला अध्यक्ष)
- अजय मिश्रा (उपाध्यक्ष)
- मिथिलेश महतो (संगठन मंत्री)
- उमाकांत महतो (मंत्री)
- रंजन झा (सत्संग प्रमुख)
- राम भक्त, सत्यभान, संयोगिता लंबा, रीता दुबे, सहित कई कार्यकर्ता
विशेष बिंदु (Special Points):
🔴 मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा में अब तक सैकड़ों हिन्दू परिवार विस्थापित।
🔴 ममता सरकार पर दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप।
🔴 बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ को राष्ट्रीय खतरा बताया।
🔴 परिषद ने NIA जांच और सीमाओं पर फेंसिंग की मांग की।
🔴 जिहादी तत्वों की संपत्ति जब्त कर मुआवजा वसूलने की मांग।
समीक्षात्मक निष्कर्ष:
विश्व हिन्दू परिषद की यह पहल राज्य की वर्तमान संवेदनशील परिस्थिति में एक सशक्त हस्तक्षेप की मांग करती है। बंगाल में हिंसा की घटनाएं केवल सांप्रदायिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता की ओर भी इशारा करती हैं। अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह केवल बंगाल तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय समस्या बन सकती है। राष्ट्रपति से की गई यह मांग अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनती जा रही है।
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