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वन विभाग की लापरवाही से जंगली हाथी का आतंक, ग्रामीणों का जीवन खतरे में

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वन विभाग की लापरवाही से जंगली हाथी का आतंक, ग्रामीणों का जीवन खतरे में

जमशेदपुर, 26 फरवरी 2024: झारखंड कोयलांचल मजदूर यूनियन के केंद्रीय महासचिव, शैलेन्द्र मैथी ने वन विभाग की लापरवाही को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण जंगली हाथियों का आतंक बढ़ रहा है और गरीब लोगों की जान खतरे में है।

श्री मैथी ने बताया कि हाल ही में सरायकेला अंतर्गत डुमरा गांव के रहने वाले सुकराम मुंडा (70 वर्ष) जंगली हाथी द्वारा रौंदे जाने से घायल हो गए। उनकी कमर की हड्डी टूट गई है और उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने पीड़ित व्यक्ति की कोई सुध नहीं ली। जख्मी व्यक्ति को एमजीएम अस्पताल में कई घंटों तक जमीन पर लेटा रहना पड़ा।

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श्री मैथी ने कहा कि जंगली हाथी के आतंक से ग्रामीणों में भारी डर है। पिछले दस दिनों से यह हाथी सारंडा के किरीबुरु और छोटानागरा थाना क्षेत्र के शहरों और गांवों में घुसकर उत्पात मचा रहा है। दर्ज़नों लोगों के घर टूट गए हैं और करमपदा के एक ग्रामीण की मौत भी हो चुकी है। उन्होंने वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि हाथी को जल्द से जल्द भगाया जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।

श्री मैथी ने यह भी कहा कि एमजीएम अस्पताल में भी व्यवस्था लचर है। जख्मी व्यक्ति को समय पर ईलाज नहीं दिया गया और न ही उसे बेड उपलब्ध कराया गया। उन्होंने अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट और वन विभाग के अधिकारियों से बात की है और जख्मी व्यक्ति का उचित ईलाज सुनिश्चित करने की मांग की है।

यह घटना वन विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है। जंगली जानवरों से लोगों की सुरक्षा करना वन विभाग की ज़िम्मेदारी है। वन विभाग को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और पीड़ितों को उचित मुआवजा देना चाहिए।

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