Connect with us

झारखंड

TATA STEEL और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स ने ग्रीन एंड सस्टेनेबल आयरनमेकिंग पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की

Published

on

THE NEWS FRAME

जमशेदपुर  |  झारखण्ड

टाटा स्टील ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम) के सहयोग से 17-18 जनवरी, 2024 को यूनाइटेड क्लब, जमशेदपुर में ग्रीन एंड सस्टेनेबल आयरनमेकिंग पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में भारत और विदेश से 260 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  ब्रिगेडियर अरुण गांगुली (सेवानिवृत्त), इंडियन इंस्टीट्यूट मेटल्स (आईआईएम) के महासचिव, अशोक कुमार, चेयरमैन, आईआईएम जमशेदपुर चैप्टर, राजीव मंगल, वाईस प्रेसिडेंट, सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी, टाटा स्टील, उत्तम सिंह, वाईस प्रेसिडेंट, आयरन  मेकिंग, टाटा स्टील, पद्मपाल, चीफ ब्लास्ट फर्नेस, टाटा स्टील और चेयरमैन आईसीजीएसआई कॉन्फ्रेंस और देबाप्रसाद चक्रवर्ती, चीफ आयरन मेकिंग टेक्नोलॉजी, टाटा स्टील और संयोजक, आईसीजीएसआई ने 17 जनवरी को सम्मेलन का उद्घाटन किया। 

दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य ब्लास्ट फर्नेस ऑपेरशन के भीतर डीकार्बोनाइजेशन रणनीतियों, अपशिष्ट उपयोग और आयरन मेकिंग टेक्नोलॉजी में प्रगति  से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित करना था। सम्मेलन में प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं, डिजाइनरों, शोधकर्ताओं, प्रौद्योगिकीविदों, शिक्षाविदों, छात्रों, तकनीकी सलाहकारों और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी की हिमायत करनेवालों के साथ-साथ डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन (डीआरआई) और ब्लास्ट फर्नेस प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पेशेवरों को एकजुट किया गया।

इस कार्यक्रम में इन विषयों पर टाटा स्टील के सीटीओ डॉ अतनु रंजन पाल, मैकिन्से से क्रिश्चियन हॉफमैन और टाटा स्टील, यूके से डॉ अशोक कुमार द्वारा कई प्रमुख वक्तव्य दिए गए। सम्मेलन के दौरान “ग्रीन स्टील निर्माण की दिशा में सर्वोत्तम अभ्यासों की पहचान के लिए बेंचमार्किंग” विषय पर उद्योग के पेशेवरों के बीच एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।

सम्मेलन के दौरान तलाशे गए प्रमुख विषयों में ब्लास्ट फर्नेस ऑपेरशन के भीतर डीकार्बोनाइजेशन रणनीतियां, प्रोसेस वेस्ट और निम्न ग्रेड के कच्चे माल का प्रभावी उपयोग, ग्रीन स्टील उत्पादन में क्लेवर कार्बन और डिजिटल तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्तमान और भविष्य में ग्रीन स्टील उत्पादन की संभावना, नेट ज़ीरो कार्यान्वयन के साथ-साथ कार्बन कैप्चर और उपयोग पद्धतियों के माध्यम से मूल्य सृजन शामिल हैं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *