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सूर्यमंदिर परिसर में श्रीराम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु , कथा में उमड़ रही भक्तों की भारी भीड़।

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सूर्यमंदिर परिसर में श्रीराम जन्मोत्सव के प्रसंग से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु , कथा में उमड़ रही भक्तों की भारी भीड़।

जमशेदपुर । झारखण्ड

सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा सपत्नीक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह रविंद्र नारायण जी, मृत्यंजय जी, सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, सचिव शशिकांत सिंह एवं अन्य ने व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया। पूजन पश्चात श्री अयोध्याधाम से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचिका पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी का स्वागत किया गया।

स्वागत के पश्चात कथा व्यास पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी ने श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के जन्म की कथा का वर्णन किया। राम के जन्म होते ही पूरे कथा पांडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों की जयघोष रही। इस दौरान प्रभु श्रीराम लला की सुंदर पालकी सजाई गई थी। जिसमें अवध नरेश राजा दशरथ जी और राम लला की मनोरम झांकी प्रस्तुत की गई। कथा व्यास पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी ने बताया कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था।
बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। उन्होंने बताया भये प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। भगवान राम जन्म होते ही लोगों ने मीठी-मीठी तालियां बजाकर भगवान का नाम लिया। कथा वाचिका ने बताया जन्म होते ही अयोध्या में अयोध्या वासी हर्षित हो गए। राजा दशरथ के यहां पुत्रों के जन्म होते ही नगरी मे खुशी की लहर दौड़ गई। कथा मर्मज्ञ पंडित गौरांगी गौरी जी ने बताया कि किस तरह से महाराज दशरथ के यहां महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना। भगवान राम के जन्म के बाद अयोध्या में हर तरफ खुशियां मनाई गई हैं।

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भगवान श्रीराम के जन्म पर राजा दशरथ संपूर्ण नगर में बधाइयों का वितरण कर मिठाई बंटवाते हैं। नगर में हर घर में बधाई गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर पूरा पंडाल भय प्रकट कृपाला, दीनदयालाल के महाआरती से गुंजायमान हो गया। कथा को आगे बढ़ाते हुए मर्मज्ञ पंडित गौरांगी गौरी जी ने बताया कि समय बीता अवध नरेश का आंगन बालसुलभ किलकारियों से गूंजने लगा। जिस भगवान की गोद में ब्रह्माण्ड खेलता है, वह भगवान बालरूप में माता कौशल्या की गोद में खेलते हैं। जिनकी गोद में दुनियां हंसती रोती है, वह माता कौशल्या की गोद में कभी रोते हैं, तो कभी हंसते हैं। इस दौरान पांडाल में उपस्थित श्रोताओं ने भक्ति भाव से भगवान की कथा का रसपान किया। प्रभु श्री राम की कथा सुन भक्त भावविभोर हो गए। राम के जन्म होते ही पुष्प वर्षा होने लगी और मिठाई, टॉफी का वितरण किया गया। कथा के समापन सत्र के दौरान मंच संचालन सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य राकेश सिंह ने किया। कल राम कथा के चतुर्थ दिवस में भगवान राम के बाल लीला का वर्णन किया जाएगा। कथा दोपहर 3:30 बजे से प्रारंभ होती है।

कथा में संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, संजीव भारद्वाज भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा सपत्नीक, नंदजी प्रसाद, निखिल सिन्हा, गंगाधर नंदा, चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, महेंद्र यादव, अजय सिंह, कृष्णा शर्मा काली, अवधेश गिरी, मनोज सिंह, संतोष ठाकुर, हेमंत सिंह, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, रूबी झा, कृष्ण मोहन सिंह, बंटी अग्रवाल, प्रेम झा, प्रमोद मिश्रा, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, खेमलाल चौधरी, सुशांत पांडा, राकेश सिंह, धर्मेंद्र प्रसाद, नारायण पोद्दार, रॉकी सिंह, कुमार अभिषेक, गौतम प्रसाद, मुकेश शर्मा, कौस्तव राय, मीरा झा, राकेश राय, अनिकेत सिंह, राहुल सिंह, अरुण कुमार, सतीश सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।

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