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सिंहभूम चैम्बर ने पत्रकार जगत के भीष्म पितामह राधेश्याम जी अग्रवाल के आकस्मिक निधन पर जताया शोक।

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सिंहभूम

जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने जमशेदपुर के दैनिक उदितवाणी समाचार पत्र के संस्थापक सह संपादक के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये शोक जताया है।

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चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने राधेश्याम जी के निधन पर शोक प्रकट करते हुये कहा है कि वे जमशेदपुर में पत्रकारिता को शुरू करने वाले लोगों में से एक थे। उन्हें राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र के अलावा अन्य विषयों की अच्छी समझ थी तथा वे एक प्रखर चिंतक एवं अच्छे वक्ता के रूप में भी जाने जाते रहे हैं।

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पत्रकारिता से हटकर सामाजिक क्षेत्र में उनका एक अलग योगदान रहा है। पत्रकारिता के माध्यम से आमलोगों की समस्याओं को हमेशा मजबूत तरीके से उठाते रहे। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में एक सूनापन आ गया है। सिंहभूम चैम्बर पत्रकारिता के क्षेत्र में और जमशेदपुर के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा। अध्यक्ष ने कहा कि उनके निधन से पूरा चैम्बर परिवार आहत है और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।

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चैम्बर के सभी पदाधिकारियों मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपु एवं कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी राधेश्याम जी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुये शोक प्रकट किया है।

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पूर्व सांसद विजय सिंह सोय के शहादत दिवस पर सांसद जोबा माझी और विधायक जगत माझी ने दी श्रद्धांजलि

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MP Joba Majhi and MLA Jagat Majhi paid tribute to former MP Vijay Singh Soy on his martyrdom day

चक्रधरपुर ( जय कुमार): सिंहभूम के पूर्व सांसद स्व.विजय सिंह सोय का 25वां शहादत दिवस गुरुवार को मनाया गया। इस मौके पर चक्रधरपुर शहर के इतवारी बाजार स्थित दिवंगत पूर्व सांसद विजय सिंह सोय के अस्थि समाधि स्थल पर लोगों ने फूल माला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। यहां मुख्य रूप से सिंहभूम की सांसद जोबा माझी, मनोहरपुर के विधायक जगत माझी समेत राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

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इस मौके पर सांसद जोबा माझी ने कहा की पूर्व सांसद विजय सिंह सोय एक कद्दावर नेता थे। क्षेत्र का विकास करने के साथ साथ सामाजिक कार्यों में भी वे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। उन्हें कभी भूलाया नहीं जा सकता। वहीं विधायक जगत माझी ने कहा की स्व. विजय सिंह सोय ने एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। कोल्हान के साथ-साथ पूरे झारखंड की जनता आज भी उन्हें याद करते है।

इस मौके पर स्व.विजय सिंह सोय की पत्नी कुंती सोय, माला सोय,  पुत्री प्रियंका सिंकू, अनुप्रिया सोय,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अम्बर राय चौधरी, दीनबंधु घोष, उदय प्रसाद सिंह, गोविंद प्रधान, लड्डू खान, राखी सलूजा, मुन्ना तांती, पोंडेराम सामड समेत अन्य मौजूद रहे।

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“3.5 लाख में बनिए डॉक्टर! 30 मिनट में बनिए इंजीनियर! मगर फर्जीवाड़े की ये दुकान अब बंद हो चुकी है!”

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मानगो में चला ‘डॉक्टर-इंजीनियर’ बनाने वाला फर्जीवाड़ा, एसडीओ ने किया खुलासा

जमशेदपुर के मानगो में चल रहा था एक बड़ा फर्जी प्रमाण पत्र रैकेट
ओसम रिसोर्स साइबर कैफे में एसडीओ शताब्दी मजूमदार की छापेमारी में खुला चौंकाने वाला सच

  • फर्जी बीटेक, एमबीबीएस, मैट्रिक, इंटर, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस
  • एडिटिंग सॉफ्टवेयर से बनाए जाते थे नकली सर्टिफिकेट
  • 3 साल से चल रहा था यह फर्जीवाड़ा
  • कई बेरोजगारों से ठगे गए लाखों रुपए

वीडियो नीचे देखें –

जमशेदपुर, मानगो: जमशेदपुर के मानगो स्थित जवाहरनगर रोड नंबर 6 में चल रहे “ओसम रिसोर्स साइबर कैफे” में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा एसडीओ शताब्दी मजूमदार द्वारा की गई छापेमारी के दौरान हुआ, जहां से लगभग डेढ़ सौ फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए।

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कैसे चलता था फर्जीवाड़ा?

कैफे संचालक मोहम्मद इलियास तीन साल से यह साइबर कैफे चला रहा था। इलियास मात्र 30 मिनट में अनपढ़ को ‘डॉक्टर’ और ‘इंजीनियर’ बना देता था—वह भी 3.50 लाख रुपये लेकर।
जांच में सामने आया कि इलियास बायोडाटा बनाते समय असली प्रमाण पत्र स्कैन कर लेता था और फिर एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से उन्हें नए नाम से बनाकर बेचता था।

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फर्जी दस्तावेज़ और उनकी कीमतें:

  • बीटेक / एमबीबीएस – ₹3,50,000
  • डिप्लोमा – ₹80,000
  • आईटीआई – ₹60,000
  • ड्राइविंग लाइसेंस – ₹2,500
  • आधार कार्ड – ₹3,000
  • मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) – ₹2,000
  • मैट्रिक (10वीं) – ₹15,000
  • इंटरमीडिएट (12वीं) – ₹17,000
  • बी.ए. (BA) – ₹25,000
  • एम.ए. (MA) – ₹25,000

खाड़ी देश में नौकरी का सपना बना सबूत

फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब एक व्यक्ति ने खाड़ी देश में नौकरी के लिए एमबीबीएस सर्टिफिकेट बनवाने हेतु इलियास को एक लाख रुपये एडवांस दिए। न तो सर्टिफिकेट मिला, न ही पैसा वापस। उस व्यक्ति ने डीसी अनन्य मित्तल से शिकायत की, जिसके बाद छापेमारी का आदेश दिया गया।

क्या मिला छापेमारी में?

  • 150 से अधिक फर्जी दस्तावेज
  • आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी
  • कंप्यूटर से मिले एडिटिंग सॉफ्टवेयर और व्हाट्सएप चैटिंग
  • डिजिटल लेनदेन का रिकॉर्ड

एसडीओ शताब्दी मजूमदार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में एडिटिंग और ऑनलाइन भुगतान के ठोस सबूत मिले हैं। विस्तृत जांच जारी है।

समीक्षा: फर्जीवाड़े की जड़ें और हमारी लापरवाही

इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि डिजिटल सुविधा और सरकारी दस्तावेजों की मांग का लाभ उठाकर कुछ लोग सिस्टम को ही मजाक बना देते हैं। सवाल यह भी उठता है कि तीन साल तक ये फर्जीवाड़ा कैसे चलता रहा और स्थानीय प्रशासन को भनक तक क्यों नहीं लगी?

सरकारी सिस्टम में दस्तावेजों की सत्यता की जांच के लिए कोई एकीकृत, मजबूत प्रक्रिया नहीं होने से इस तरह के मामले पनपते हैं। इतना ही नहीं, जब समाज में “सर्टिफिकेट” को योग्यता का पर्याय मान लिया जाए, तो फर्जीवाड़ा फलता-फूलता है।

इलियास जैसे लोग सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि उन हजारों लोगों की संभावनाओं से भी खिलवाड़ करते हैं, जो मेहनत करके डॉक्टर-इंजीनियर बनना चाहते हैं।

निष्कर्ष:
यह केवल एक साइबर कैफे का मामला नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की कमजोरी को उजागर करता है। अब यह जरूरी है कि प्रशासन न केवल इस कैफे को सील करे, बल्कि ऐसे अन्य स्थानों की गहन जांच कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करे। साथ ही जनता को भी जागरूक करने की ज़रूरत है कि वे ऐसे शॉर्टकट से बचें और फर्जीवाड़े की सूचना तत्काल प्रशासन को दें।

सवाल ये नहीं कि कितने बने डॉक्टर, सवाल ये है कि सिस्टम कब तक सोता रहेगा?

#फर्जीवाड़ा #BreakingNews #जमशेदपुर #CyberCrime #FakeCertificates #SDOAction #जनता_सावधान

वीडियो देखें :

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गिरिडीह, पचम्बा फोर लेन की धीमी प्रगति और धूलकण से परेशान जनता, राजेश सिन्हा ने सौंपा ज्ञापन, 12 अप्रैल को सड़क पर उतरने की चेतावनी

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गिरिडीह/पचम्बा: पचम्बा फोर लेन सड़क निर्माण में हो रही देरी और उससे उत्पन्न धूलकण की समस्या को लेकर अब जनता का सब्र जवाब देने लगा है। इसी मुद्दे को लेकर माले नेता राजेश सिन्हा के नेतृत्व में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को गिरिडीह उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो 12 अप्रैल को लोकतांत्रिक तरीके से सभी दलों के साथ मिलकर सड़क पर उतरेंगे।

राजेश सिन्हा ने कहा कि यह मुद्दा केवल एक दल का नहीं बल्कि गिरिडीह की आम जनता का है। उन्होंने सभी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों और आम जनता से अपील की है कि वे 12 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे तक झंडा-बैनर के साथ सड़क पर उतरें और आंदोलन को सफल बनाएं।

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ज्ञापन में कहा गया है कि सालभर पहले संवेदक को सड़क निर्माण का कार्य पूरा करना था, लेकिन अब तक काम अधूरा है। टैंकर से पानी छिड़काव का केवल दिखावा किया जा रहा है, जिससे स्कूली बच्चे, राहगीर, दुकानदार, बाइक, ऑटो, पैदल चलने वाले सभी लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं। धूलकण के कारण श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।

राजेश सिन्हा ने इस संबंध में PWD के कार्यपालक अभियंता से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने मांगों को जायज माना, लेकिन ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया।

ज्ञापन सौंपने के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उपेंद्र सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व वार्ड पार्षद मोहम्मद नूर आलम, पूर्व पार्षद सिराज, माले के निशांत भास्कर, नौशाद आलम, रेहान खान, जिला कमेटी सदस्य प्रीति भास्कर और कन्हैया सिंह समेत कई नेता उपस्थित थे।

सभी दल एकजुट
कांग्रेस, जेएमएम, माले, राजद, आजसू, बीजेपी, लोजपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, AIMIM (ओवैसी पार्टी) सहित कई दलों ने इस मुद्दे को जन सरोकार बताते हुए समर्थन दिया है। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह गिरिडीह की जनता का हक है और इस अन्याय के खिलाफ वे एकजुट होकर खड़े रहेंगे।

राजेश सिन्हा ने अंत में कहा कि यह सिर्फ आंदोलन नहीं बल्कि जनता की पीड़ा की आवाज है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। प्रशासन को अब तुरंत इस पर संज्ञान लेना होगा।

वीडियो देखें : 

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