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ऑपरेशन सिंदूर पर सरयू राय की तीखी प्रतिक्रिया- “पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, अब अंदरूनी दुश्मनों से निपटने की बारी”

“देश एक है, एकजुट है — यह दिखाने का समय है।” – सरयू राय, विधायक, जमशेदपुर पश्चिमी
जमशेदपुर/नई दिल्ली : भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर झारखंड के वरिष्ठ नेता और जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक श्री सरयू राय ने एक साहसिक और स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि
“भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकी हमले का सटीक और कड़ा जवाब दिया है। इससे देश के राजनीतिक नेतृत्व और तीनों सेनाओं की प्रतिष्ठा में जबरदस्त इजाफा हुआ है।”
प्रधानमंत्री और सेना को सराहना
उन्होंने आगे कहा
“आम जनता की भावना के अनुरूप प्रधानमंत्री और हमारी सेनाओं ने जो कार्य किया है, वह सराहनीय है।”
“यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सबक है।”
पाकिस्तान को चेतावनी ⚠️
सरयू राय ने दो टूक शब्दों में कहा कि
“अगर पाकिस्तान यूं ही बढ़-चढ़ कर बातें करता रहेगा, तो भारत को उस पर हमला कर देना चाहिए। और जो भी ज़मीन हमले में हासिल हो, उसे 1965 और 1971 की तरह वापस नहीं किया जाना चाहिए।”
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देश के अंदर छिपे संकट की ओर इशारा
उन्होंने केवल सीमापार दुश्मनों तक ही बात सीमित नहीं रखी, बल्कि देश के अंदर फैले ‘पाकिस्तानपरस्त मानसिकता’ के खतरे की ओर भी इशारा किया।
“जो लोग 1947 में पाकिस्तान बनने के पक्ष में थे लेकिन भारत में ही रह गए, उनकी मानसिकता आज भी देश के लिए खतरा बनी हुई है। यह संकट सीमापार से कहीं बड़ा है।”
सेना बाहर से निपटेगी, जनता को भीतर तैयार रहना होगा
“सीमा और सीमा पार के संकट से तो सेना निपट लेगी, लेकिन देश के अंदर जो वैचारिक जहर फैल रहा है, उससे निपटने के लिए जनता को तैयार रहना होगा।”
विपक्ष को जिम्मेदारी निभाने की सलाह
सरयू राय ने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि
“आज का समय राजनीतिक मतभेद भुलाकर एकजुटता दिखाने का है। विपक्षी दलों को जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए।”
विशेष बिंदु ✍️
- ऑपरेशन सिंदूर को बताया गया भारत का निर्णायक कदम
- सीमापार कार्रवाई के साथ आंतरिक चेतना की ज़रूरत पर बल
- विपक्ष से की गई राष्ट्रीय एकता की अपील
- देशभक्ति बनाम विघटनकारी मानसिकता की बहस फिर से तेज