झारखंड
एमजीएम अस्पताल में छत गिरने से हुई मौतों पर FIR की माँग तेज़, सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ विष्णु ने साकची थाना को सौंपा आवेदन

जमशेदपुर, 8 मई 2025 : एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 3 मई को हुई दर्दनाक घटना, जिसमें अस्पताल की छत गिरने से तीन बुज़ुर्ग मरीजों की मौत हो गई थी, अब कानूनी कार्रवाई की दिशा में बढ़ती दिख रही है। सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ विष्णु ने इस मामले में लापरवाही के ज़िम्मेदार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने हेतु साकची थाना प्रभारी को एक लिखित शिकायत सौंपकर न्याय की माँग की है।
तीन मौतें और कई घायल — प्रबंधन की लापरवाही पर उठे सवाल
पीड़ितों की पहचान डेविड जॉनसन, लुकास साइमन तिर्की और श्रीचंद ताती के रूप में हुई थी, जो अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में इलाज के लिए भर्ती थे। छत गिरने की यह घटना अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही को दर्शाती है, जिससे न केवल जानमाल का भारी नुकसान हुआ बल्कि आम नागरिकों का भरोसा भी हिला।
खुदाई और निर्माण कार्य बना दुर्घटना की वजह?
शिकायतकर्ता सौरभ विष्णु ने आवेदन में उल्लेख किया है कि मेडिसिन बिल्डिंग के ठीक बगल में खुदाई का कार्य चल रहा था, जिसका ठेका हैदराबाद की ‘KMV Project’ नामक कंपनी को दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, खुदाई के चलते बिल्डिंग की नींव क्षतिग्रस्त हो गई थी और इसे अस्थायी रूप से बांस-भल्लों के सहारे ठीक किया गया था, जो हादसे की बड़ी वजह मानी जा रही है।
किनके खिलाफ दर्ज हो प्राथमिकी — आवेदन में नामज़द लोग
सौरभ विष्णु ने अपने पत्र में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. आर. के. मंधान, KMV Project के एमडी के. एम. वी. प्रसाद राव सहित अन्य ज़िम्मेदार लोगों पर लापरवाही, जीवन के अधिकार का हनन और जानबूझकर जोखिम उत्पन्न करने जैसे आरोपों में FIR दर्ज करने की माँग की है।
‘परिवारों को मिले न्याय’ — पीड़ितों के लिए न्याय की माँग
श्री विष्णु ने माँग की है कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
विशेष बिंदु:
- अस्पताल में घटिया निर्माण या मरम्मत कार्य की ओर इशारा
- खुदाई कार्य का सीधा असर अस्पताल भवन पर
- अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की गहराई से जाँच की माँग
- सामाजिक कार्यकर्ता की सक्रिय भूमिका और आवाज़