क्राइम
Ranchi Police की बड़ी सफलता: टीएसपीसी का जोनल कमांडर दिवाकर गंझू धराया, कई जिलों में था वांछित

- 🚨 Ranchi Police’s big success: TSPC’s zonal commander Diwakar Ganjhu arrested, was wanted in many districts
- लेवी वसूलने और बड़ी वारदात की थी तैयारी, जंगल से गिरफ्तार
रांची। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी) को तगड़ा झटका देते हुए रांची पुलिस ने जोनल कमांडर दिवाकर गंझू को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी चैनगढ़ा-गम्हरिया जंगल क्षेत्र में चलाए गए विशेष छापेमारी अभियान के दौरान हुई।
रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बताया कि दिवाकर गंझू हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना अंतर्गत देवगढ़ गांव का निवासी है और इसके खिलाफ रांची, रामगढ़ और हजारीबाग के विभिन्न थानों में 18 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
🎯 बड़ी वारदात की थी तैयारी, पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दिवाकर गंझू अपने दस्ते के साथ लेवी वसूलने और इलाके में दहशत फैलाने के इरादे से किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की योजना में है।
🔹 बुढ़मू थाना क्षेत्र के चैनगढ़ा-गम्हरिया जंगल में दस्ते के साथ मौजूद होने की खबर पर
🔹 पुलिस ने फौरन छापेमारी की
🔹 दिवाकर और एक अन्य सहयोगी गिरफ्तार कर लिए गए,
🔹 जबकि चार उग्रवादी जंगल की ओर भाग निकले।
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👮♂️ छापेमारी अभियान में ये रहे शामिल
इस ऑपरेशन में खलारी डीएसपी राम नारायण चौधरी, मांडर सर्किल इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी, बुढ़मू थाना प्रभारी रितेश कुमार महतो, दारोगा संजीव कुमार, रवि रंजन कुमार, ओरमांझी थाना से अनुराग कुमार श्रीवास्तव समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
🔫 15 साल से टीएसपीसी से जुड़ा था दिवाकर गंझू
👉 दिवाकर गंझू ने 15 साल पहले कमांडर जगू गंझू के कहने पर संगठन में प्रवेश किया था।
👉 2018 में जगू गंझू के मुठभेड़ में मारे जाने और दिनेश राम के जेल जाने के बाद इसे एरिया कमांडर बना दिया गया था।
💰 लेवी वसूली का नेटवर्क और हिंसक गतिविधियाँ
वह रांची के बुढ़मू, उरीमारी, भुरकुंडा, पतरातू, बड़कागांव और केरेडारी क्षेत्र में
🔸 सड़क निर्माण कंपनियों,
🔸 क्रशर और ईंट भट्ठा संचालकों,
🔸 तथा ज़मीन कारोबारियों से लेवी वसूलता था।
💣 जो लेवी नहीं देते, उनके विरुद्ध फायरिंग, आगजनी और तोड़फोड़ जैसी फौजी कार्रवाई को अंजाम देता था। कई मामलों में उसका दस्ता सीधी हिंसा कर चुका है।
📌 निष्कर्ष
इस गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। राज्य में उग्रवादी नेटवर्क के कमजोर होने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही पुलिस ने संकेत दिया है कि बाकी फरार उग्रवादियों की तलाश जारी है और जल्द ही कार्रवाई होगी।