आंध्र प्रदेश के जनक, स्वतंत्रता सेनानी पोट्टी श्री रामलू जी की जयंती पर बिष्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्री राम मन्दिरम में कार्यक्रम आयोजित

जमशेदपुर,बिष्टुपुर, 16 मार्च: आंध्र प्रदेश के जनक माने जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी पोट्टी श्री रामलू जी की जयंती पर एक कार्यक्रम बिष्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्री राम मन्दिरम में महासचिव दुर्गा प्रसाद शर्मा के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम उनके तस्वीर के समक्ष दीप धूप प्रज्वलित कर पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासचिव श्री दुर्गा प्रसाद ने बताया कि पोट्टी श्री रामलू जी ने आंध्र प्रदेश की स्थापना के लिए अपना जीवन बलिदान करने के उपरांत मद्रास रेसीडेंसी से अलग कर तेलुगु राज्य आँध्र प्रदेश का निर्माण करने के लिये सरकार को बाध्य किया, उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया और आंध्र प्रदेश को एक अलग पहचान और स्वायत्तता दी। उनके आत्मबल और समर्पण बलिदान को याद करते हुए, इस कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम में श्री रामलू जी की जीवनी और उनके महान कार्यों की चर्चा की गई। सभी सदस्यों के द्वारा समारोह में उन्हें पुष्प अर्पित की गई। इस तरह के कार्यक्रम के द्वारा नई पीढ़ी के लिये उनके योगदान को याद करने और समाज को उनके संदेश का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अवसर पर आयोजन कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने पोट्टी श्री रामलू जी के उत्कृष्ट योगदान एवं बलिदान को सराहा।

डिप्टी प्रसिडेंट जम्मी भास्कर ने कहा की अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलु ने अपनी जीवन त्याग कर आँध्र के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया है महापुरुषों के याद में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक एकता को मजबूत करने का एक शसक्त माध्यम है । उपाध्यक्ष सी. एच रमना राव ने कहा की तेलुगु भाषियो के लोगों के बीच उनके संघर्ष, त्याग बलिदान को नमन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए आँध्र प्रदेश के सशक्त भविष्य की दिशा में एक साथ चलने की प्रेरणा दी गई। इस अवसर पर गँगा मोहन, एम.महेश राव, नानाजी, नरसिंह राव, रमना सहित कई तेलुगु भाषी उपस्थित थे।

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