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प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डी एल एस ए चाईबासा मौहम्मद शाकिर ने किया बाल गृहों का दौरा

- झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार
- बच्चों के बीच वितरित की मिठाइयाँ, कल्याण के लिए हरसंभव सहायता का भरोसा
- बाल अधिकारों की रक्षा में संकल्पबद्ध न्यायपालिका
चाईबासा (जय कुमार): प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर ने बाल गृहों, विशेष विद्यालयों और संप्रेषण गृह का किया निरीक्षण
👨⚖️ बाल संरक्षण को लेकर न्यायपालिका की संवेदनशील पहल
पश्चिमी सिंहभूम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मोहम्मद शाकिर ने आज जिले के विभिन्न बाल संरक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने छाया बालिका गृह, बाल कुंज, विशेष विद्यालय आशा किरण और प्रेरणा, तथा संप्रेषण गृह का दौरा कर वहाँ के बच्चों से मुलाक़ात की और उनकी परिस्थितियों को निकटता से समझा।
🍬 बच्चों के बीच स्नेहपूर्वक बिताया समय, मिठाइयों का वितरण
माननीय न्यायाधीश ने संस्थानों में रह रहे बच्चों के साथ आत्मीय संवाद किया और उनके बीच मिठाइयाँ बांटीं, जिससे बच्चों के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी।
उन्होंने संचालकों व अधिकारियों से बातचीत कर संस्थाओं की कार्यप्रणाली, संसाधनों और समस्याओं की जानकारी ली।
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📢 संवेदनशीलता के साथ दिया स्पष्ट संदेश
न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि—
❝ बच्चों के पालन-पोषण, सुरक्षा और शिक्षा में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। किसी भी समस्या या आवश्यकता की स्थिति में सीधा संपर्क किया जा सकता है। ❞
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार बाल संरक्षण संस्थानों का नियमित निरीक्षण जारी रहेगा। प्राधिकार द्वारा बच्चों से सीधा संवाद स्थापित करने का भी क्रम समय-समय पर चलता रहेगा।
🏢 सभी सहयोगी इकाइयों को किया निर्देशित
उन्होंने बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण इकाई, संप्रेषण गृह सहित सभी संबंधित निकायों को निर्देश दिया कि संस्थाओं की व्यवस्था को व्यवस्थित और मानवीय ढंग से चलाने में पूरी जिम्मेदारी निभाएं।
💬 बच्चों से संवाद बना विशेष अनुभव
न्यायाधीश ने निरीक्षण के उपरांत कहा—
❝ बच्चों के साथ समय बिताना मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहा। उनकी मुस्कान ही सबसे बड़ी प्रेरणा है। उनके कल्याण हेतु मैं हरसंभव प्रयास करूंगा। ❞
👥 उपस्थित प्रमुख अधिकारीगण:
- रवि चौधरी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार
- सुप्रिया रानी तिग्गा, रजिस्ट्रार सह प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय परिषद
- खुशेंद्र सोनकेसरी, अधीक्षक, संप्रेषण गृह
- विकास दोदराजका, सदस्य, प्राधिकार
- अमित पति, सदस्य, बाल कल्याण समिति
- जयदू करजी, सदस्य
- मो. शमीम, सदस्य
- नरगिस खातून, अधीक्षिका, छाया बालिका गृह
- पुनीता तिवारी, डीपीओ
- संजय बिरुआ, जे.जे.बी. सदस्य
तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
🔍 निष्कर्ष:
यह दौरा इस बात का प्रमाण है कि न्यायपालिका न केवल कानून का पालन करवा रही है, बल्कि समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग – बच्चों – के जीवन में आशा और सुरक्षा का संदेश भी दे रही है।
इस प्रकार की सक्रियता से बच्चों का मनोबल बढ़ता है और समाज में सकारात्मक सोच का संचार होता है।