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झारखंड

‘Story of Foundation Stones’ – डॉ. एम.के. जमुआर ने राज्यपाल को भेंट की पुस्तक ‘झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय – नींव के पत्थरों की कहानी’

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THE NEWS FRAME

📚 Dr. M.K. Jamuar presented the book ‘Jharkhand Raksha Shakti University – The Story of Foundation Stones’ to the Governor

🏛️ राजभवन में ज्ञान और विमर्श का संयोग : राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट में उच्च शिक्षा पर सुझावों का प्रतिवेदन और पुरानी रिपोर्टों की प्रतियां भी सौंपी गईं

📍 रांची, झारखंड 

झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. एम.के. जमुआर ने आज राजभवन, रांची में झारखंड के राज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात की और इस अवसर पर अपनी लिखित पुस्तक ‘झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय – नींव के पत्थरों की कहानी’ महामहिम को भेंट की।

इस विशेष भेंट में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित रहे।

📘 पुस्तक का भावार्थ: विश्वविद्यालय निर्माण की यात्रा का दस्तावेज

डॉ. जमुआर द्वारा लिखित यह पुस्तक झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना के दौरान आए संघर्ष, प्रशासनिक निर्णयों, और कार्यान्वयन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाओं को दस्तावेज रूप में प्रस्तुत करती है। इसे झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था की नींव समझा जा सकता है।

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📄 उच्च शिक्षा पर प्रतिवेदन और ऐतिहासिक रिपोर्ट भी सौंपे गए

डॉ. जमुआर ने राज्यपाल को झारखंड में वर्तमान उच्च शिक्षा की स्थिति पर सुझावों से युक्त एक प्रतिवेदन भी सौंपा।
राज्यपाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस प्रतिवेदन के सभी बिंदुओं का गहराई से अध्ययन करवा कर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे

इसके साथ ही उन्होंने पूर्व राज्यपाल महामहिम एम. ओ. एच. फारूक के कार्यकाल में राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हुए औचक निरीक्षणों की दो ऐतिहासिक रिपोर्टों की प्रतियां भी राज्यपाल को प्रदान कीं। ये निरीक्षण उस समय डॉ. जमुआर और तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी श्री सदाशिव राव के नेतृत्व में किए गए थे।

राज्यपाल ने इन रिपोर्टों की प्रतियां अपने अपर मुख्य सचिव को सौंपते हुए संबंधित विश्वविद्यालयों से जानकारी संकलित करने के निर्देश भी जारी किए

📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • डॉ. एम.के. जमुआर ने राज्यपाल को अपनी पुस्तक भेंट की
  • उच्च शिक्षा पर सुझावों वाला प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया
  • पुरानी औचक निरीक्षण रिपोर्टें भी राज्यपाल को दी गईं
  • राज्यपाल ने गहराई से अध्ययन और दिशा-निर्देश देने का आश्वासन दिया
  • अपर मुख्य सचिव को विश्वविद्यालयों से जानकारी लेने का निर्देश

🧐 विश्लेषणात्मक निष्कर्ष:

राज्यपाल के साथ डॉ. जमुआर की यह भेंट न केवल एक सांस्कृतिक और बौद्धिक संवाद थी, बल्कि झारखंड की उच्च शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक आवश्यक पहल भी मानी जा सकती है।
‘झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय – नींव के पत्थरों की कहानी’ जैसी पुस्तकें आने वाली पीढ़ियों के लिए शैक्षणिक संस्थाओं की विकास यात्रा को समझने का महत्वपूर्ण आधार बनेंगी।

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