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झारखंड

🔥 “ऑपरेशन सिंदूर है भारत का जवाब”: अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के युद्धवीर का बड़ा बयान

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🛡️ सेना की स्ट्राइक पर कहा – आतंक के संरक्षकों का समूल नाश तय, अब होगी निर्णायक लड़ाई

📍जमशेदपुर | विशेष रिपोर्ट | Operation Sindoor 

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरिष्ठ प्रतिनिधि युद्धवीर ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को “ऑपरेशन सिंदूर” बताते हुए इसका दृढ़ समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह साहसिक कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई है, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति का स्पष्ट और कड़ा संदेश भी है।

“ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) है भारत की चेतावनी”

युद्धवीर ने कहा:

मैं भारतीय सेना की कार्रवाई का दृढ़ समर्थन करता हूँ। हमें अपनी सेना पर गर्व है। आतंक के खिलाफ यह सर्जिकल जवाब पूरी दुनिया को दिखाता है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।

⚔️ “दहशतगर्दों और उनके आकाओं का समूल नाश होगा”

उन्होंने यह भी कहा:

भारत अब आतंक के स्रोत, संरक्षकों और समर्थकों — सभी के समूल नाश का ऐलान कर चुका है। यह कोई सामान्य कार्रवाई नहीं, बल्कि निर्णायक मोड़ है। अब जनता के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि — क्या यह जवाब इतना बड़ा होगा कि पाकिस्तान और आतंकी तंत्र को भारी कीमत चुकानी पड़े?”

रणनीतिक सहयोग और खुफिया क्षमता पर बल

युद्धवीर ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में भारत का फोकस केवल सैन्य कार्रवाई ही नहीं, बल्कि तकनीक, खुफिया जानकारी और बहुस्तरीय कार्यप्रणाली के सहयोग पर भी होगा।

यह एक दीर्घकालिक लड़ाई है, जिसमें हर मोर्चे पर तैयारी आवश्यक है — कूटनीतिक, सैन्य और साइबर सुरक्षा सहित।

🧾 मुख्य बिंदु:

  • “ऑपरेशन सिंदूर” को बताया भारत का निर्णायक कदम
  • सेना की कार्रवाई का किया दृढ़ समर्थन
  • आतंक के संरक्षकों को चेतावनी — अब बख्शा नहीं जाएगा
  • खुफिया और तकनीकी सहयोग को बताया आवश्यक दिशा

🔍 विश्लेषण | संदेश क्या है?

युद्धवीर का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि अब भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं, नीति और रणनीति से संचालित आक्रामक प्रतिरोध की ओर बढ़ रहा है। “ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बदलती सामरिक सोच का प्रतीक बन सकता है।

🎬 “ऑपरेशन सिंदूर — भारत का जवाब! युद्धवीर बोले: अब आतंकवाद नहीं बचेगा। सेना की कार्रवाई पर पूर्व सैनिक परिषद का पूर्ण समर्थन। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।”

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