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आतंकवाद पर भारत का दो टूक: ज़मीन हमारी है, आतंक के लिए कोई जगह नहीं – मानिक वर्धा और युद्धवीर का बयान

“आतंकी न धर्म जानते हैं, न जात; देश एकजुट है, लक्ष्य POK की ज़मीन को पुनः प्राप्त करना”
📍जमशेदपुर | विशेष संवाददाता
भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त और निर्णायक रुख को स्पष्ट कर दिया है। मानिक वर्धा और युद्धवीर ने हालिया घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूरे देश को झकझोर देने वाली आतंकी घटना के बाद भारतीय सेना द्वारा उठाया गया कदम न्यायोचित और आवश्यक था।
“आतंकी का न कोई धर्म होता है, न जात”
मानिक वर्धा ने बयान में कहा:
“आतंकी सिर्फ आतंक फैलाते हैं, वे किसी धर्म या जाति का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उनका मकसद सिर्फ लोगों की जान और माल को नुकसान पहुंचाना होता है।”
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🧭 ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है भारत
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को पूरी तरह लागू किया है और इस लड़ाई में देश का हर नागरिक सरकार और सेना के साथ एकजुट है।
युद्धवीर ने भी जोड़ा:
“यह केवल सुरक्षा नहीं, आत्मसम्मान की लड़ाई है। यह दिखाता है कि भारत अब आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
🗺️ भारत का लक्ष्य: केवल POK की ज़मीन की वापसी
भारत की मंशा को स्पष्ट करते हुए दोनों वक्ताओं ने कहा:
“हमारा उद्देश्य POK के नागरिकों को जबरन भारत में शामिल करना नहीं, बल्कि उस भूमि को पुनः प्राप्त करना है जो ऐतिहासिक, संवैधानिक और वैधानिक रूप से भारत का हिस्सा है।“
📌 विशेष बिंदु:
- सेना की कार्रवाई को बताया न्यायोचित और समयानुकूल
- आतंकवाद पर धार्मिक या जातीय चश्मे से न देखने की अपील
- केंद्र सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का समर्थन
- POK के मुद्दे पर भारत की संवैधानिक दृष्टि को दोहराया
📊 राजनीतिक-सामरिक विश्लेषण
भारत का यह स्पष्ट रुख इस बात का संकेत है कि अब न केवल आतंकी गतिविधियों का जवाब दिया जाएगा, बल्कि पीओके की वैधानिक वापसी को भी कूटनीतिक और सामरिक प्राथमिकता में रखा गया है। यह संदेश देश और दुनिया — दोनों के लिए है।
🎙️ “आतंकी न जात देखते हैं न धर्म — भारत ने फिर दिखाया जीरो टॉलरेंस! मानिक वर्धा और युद्धवीर बोले: देश का लक्ष्य सिर्फ POK की ज़मीन को वापस पाना है। पूरा देश एकजुट है।”