NIT में उन्नत उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कृषि को प्रभावी तरीके से करने तथा उसमे तकनीकी प्रयोग की दी गयी जानकारी।

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर, 09 से 13 जनवरी, 2024 के दौरान आई.ओ.टी. और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का उपयोग करते हुए स्मार्ट और प्रभावी कृषि पर आधारित एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित, उन्नत उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम (ए-ईएसडीपी) का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आईओटी के मूल सिद्धांतों, आईओटी के बुनियादी निर्माण खंडों, कृषि में आईओटी के अनुप्रयोग, आईओटी पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस), जीएनएसएस पोजिशनिंग तकनीक, जीएनएसएस के अनुप्रयोग, वायरलेस सेंसर का डिजाइन, कृषि उपयोग हेतु करना है। 

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कार्यक्रम के दूसरे दिन कृषि को प्रभावी तरीके से करने तथा उसमे तकनीकी का प्रयोग को बताने के लिए बर्धवान विश्वविद्यालय के प्रो बोस, मौसम विभाग में कार्यरत डॉ सोमनाथ महतो और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के डॉ जीतेश प्रधान ने अपने व्यतव्य रखे। प्रो बोस ने ने बताया कि किस तरह हम नेविगेशन सेटेलाइट का प्रगोय कर कृषि गुणवत्ता को बढ़ाने में कर सकते हैं। परिशुद्ध खेती में डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके फसल की उत्पादकता में वृद्धि करने का तरीका तथा एग्रीकल्चर सेक्टर में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में भी उन्होंने बताया, जिसमे उन्होंने गन्ने की खेती का उदाहरण लेते हुए अपनी बात को रखा।डॉ सोमनाथ ने सटीक कृषि में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) फील्ड मैपिंग, मशीनरी मार्गदर्शन और मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग बताया, उन्होंने बताया कि किस तरह हम काम दाम में अपने कृषि क्षेत्र की मैपिंग कर सकते हैं। 

डॉ जीतेश प्रधान ने मशीन लर्निंग और डीप ट्रांसफर  लर्निंग के माध्यम से फसल की बीमारी का पूर्वानुमान लगाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी, जिसमे उन्होंने आलू की पत्तियों में होने वाली बीमारी के माध्यम से मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए पूर्वानुमान करने के तरीके बताए। कार्यक्रम के पश्चात सभी विशेषज्ञों ने उपस्थित अभियार्थियों के सवालों के उत्तर दिए।

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