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Negligence in Polytechnic exam: मैडम ने भेजा ज़ेरॉक्स कराने, लौटने पर स्कूल गेट से बाहर किया; कई छात्र परीक्षा से वंचित

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  • Negligence in Polytechnic exam: Students sent for Xerox were turned out of the gate, many deprived

पॉलिटेक्निक परीक्षा में लापरवाही:

जमशेदपुर के शारदामणि हाई स्कूल में 18 मई को आयोजित पॉलिटेक्निक परीक्षा के दौरान एक से अधिक छात्रों को ज़ेरॉक्स के नाम पर बाहर भेजा गया, लेकिन लौटने पर प्रवेश नहीं मिला; छात्र-छात्राएं रोते हुए लौटे घर

जमशेदपुर, 18 मई 2025: झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर से पॉलिटेक्निक परीक्षा के दौरान लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आमबगान क्षेत्र स्थित शारदामणि हाई स्कूल, जो इस बार पॉलिटेक्निक परीक्षा का केंद्र बनाया गया था, वहां परीक्षा देने आए कई छात्रों को ज़ेरॉक्स करवाने के लिए बाहर भेजा गया। लेकिन जब वे लौटे, तो सुरक्षा में लगे गेटकर्मियों ने उन्हें अंदर प्रवेश देने से साफ मना कर दिया। इसके चलते वे छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो सके।

घटना का विवरण

प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित छात्रों के अनुसार, वे समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचे थे। लेकिन परीक्षा कक्ष में एक शिक्षिका ने कुछ दस्तावेज़ की फोटोकॉपी (Xerox) लाने के लिए कहा। जब छात्र बाहर से ज़ेरॉक्स करवाकर लौटे, तो गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कहा, “अब समय निकल गया है, अंदर नहीं जा सकते।” कई छात्रों के साथ यही हुआ, जिससे वे परीक्षा देने से वंचित हो गए।

छात्रों की भावनात्मक स्थिति

कुछ छात्र बाहर ही फूट-फूट कर रोते देखे गए। उन्होंने बताया कि वे महीनों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लेकिन एक अदूरदर्शी निर्णय ने उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। कई छात्राएं भी भावनात्मक रूप से टूट चुकी थीं।

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अभिभावकों का आक्रोश

पीड़ित छात्रों के अभिभावकों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए कहा, “अगर शिक्षक ने खुद ज़ेरॉक्स लाने भेजा और फिर गेट से ही रोक दिया गया, तो दोष छात्र का नहीं बल्कि सिस्टम का है।” अभिभावकों ने जिला प्रशासन और राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग से न्याय की मांग की है।

प्रशासन की चुप्पी

घटना को लेकर परीक्षा केंद्र और जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, तकनीकी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से भी संपर्क नहीं हो सका।

विशेष बिंदु:

  • 18 मई को आयोजित था पॉलिटेक्निक का अहम पेपर।
  • कई छात्रों को शिक्षिका ने भेजा ज़ेरॉक्स के लिए।
  • लौटने पर गेट से रोका गया, परीक्षा से वंचित।
  • छात्र-छात्राएं भावनात्मक रूप से टूटे।
  • परिजनों ने उठाई जांच और कार्रवाई की मांग।

वीडियो देखें :

निष्कर्ष:
शिक्षा प्रणाली में ऐसी घटनाएं न केवल छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े करती हैं। यह जरूरी है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आगे कोई छात्र इस तरह के अन्याय का शिकार न हो।

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