National Lok Adalat: 1,95,544 मामलों का हुआ निष्पादन, ₹ 21,33,87,291/– का हुआ समायोजन
⚫ रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित
चाईबासा ( जय कुमार ) : झालसा के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के तत्वावधान में चाईबासा सिविल कोर्ट परिसर और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, इस दौरान चाईबासा न्यायालय में गठित नौ और चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में तीन न्यायपिठों का गठन किया गया, मामलों की सुनवाई करते हुए कुल 1,95,544 मुद्दों का सफल निष्पादन किया तथा 21,33,87,291/– की राशि का समायोजन हुआ, प्राधिकार के सचिव श्री राजीव कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार प्रत्येक तीन माह के अंतराल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग अपने सुलहनीय मामलों के निष्पादन के लिए अपील कर सकते हैं।
उन्होनें जानकारी दी की प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय श्री योगेश्वर मणि, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री सूर्य भूषण ओझा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ श्री लक्ष्मण प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री विनोद कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री राजीव कुमार सिंह, रेलवे दंडाधिकारी श्री मंजीत कुमार साहू, एसडीजेएम सदर सह रजिस्ट्रार सुप्रिया रानी तिग्गा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमति एंजिलिना नीलम मड़की, अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम सुनील कुमार सिंह तथा चक्रधरपुर अनुमंडल न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अजय कुमार सिंह, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी चक्रधरपुर, की न्यायिक पीठ ने मामलों का निष्पादन किया।
दूसरे कार्यक्रम में
⚫ रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वधान में कोर्ट परिसर स्थित मीटिंग हॉल में न्यायिक पदाधिकारियों के बीच आवश्यक बैठक का आयोजन कर महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय पर परिचर्चा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा मौ. शाकिर ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका की विशेषताओं तथा इसके और प्रभावी बनाने पर चर्चा की।
प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री योगेश्वर मणि ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमति पूजा पांडेय ने एफकोड जजमेंट और मध्यस्थता के विषय में विस्तार से बताया उन्होनें मध्यस्थता के माध्यम से विवादों के निष्पादन के लाभ का वर्णन किया।
बैठक में प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय श्री योगेश्वर मणि, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री सूर्य भूषण ओझा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ श्री लक्ष्मण प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री विनोद कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री राजीव कुमार सिंह, रेलवे दंडाधिकारी श्री मंजीत कुमार साहू, एसडीजेएम सदर सह रजिस्ट्रार सुप्रिया रानी तिग्गा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमति एंजिलिना नीलम मड़की शामिल थे। उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव श्री राजीव कुमार सिंह ने दी।