झारखंड
Mother’s Day: M S ITI टीम ने वृद्धाश्रम में सेवा कर पेश की एक मिसाल

Special on Mother’s Day
🌺 मां के पैरों तले जन्नत है : खालिद इकबाल
🕊️ “हर दिन मां का दिन है”
जमशेदपुर, Special on Mother’s Day: आज जहां दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जा रहा है, वहीं M S ITI जमशेदपुर की टीम ने इस दिन को सिर्फ औपचारिकता न मानकर ‘सेवा और संवेदना’ का रूप दिया। संस्थान की प्राचार्या मेहरुन निसा रूमी के नेतृत्व में टीम ने आशीर्वाद वृद्धाश्रम का दौरा कर वहां रह रहीं माताओं की सेवा की और उन्हें सम्मान व स्नेह दिया।
👩🦳 “वो मां जो अब बुजुर्ग हैं, लेकिन आज भी दिल से मां हैं…”
इस अवसर पर उपस्थित टीम में बुशरा अब्राहम, नूरजहां, सबा परवीन, मंतशा आलिया और कई अन्य सदस्य शामिल थे। सभी ने वृद्ध महिलाओं से मुलाकात कर उनके अनुभवों को सुना, सेवा का अवसर पाया और जीवन की कई सीखें प्राप्त कीं।
📌 विशेष बिंदु:
- वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाएं हाईली क्वालिफाइड और शिक्षित हैं।
- उन्होंने अपना जीवन अपने बच्चों के लिए समर्पित किया, लेकिन आज वो बच्चे विदेशों में मल्टीनेशनल कंपनियों में कार्यरत हैं और अपनी मां को अकेला छोड़ आए हैं।
- टीम को यह देखकर गहरा भावनात्मक अनुभव मिला कि सेवा का असली अर्थ क्या होता है।
- यह सच एक कटु सामाजिक यथार्थ को सामने लाता है कि बुज़ुर्ग माता-पिता को उपेक्षित किया जा रहा है।
💔 “वो आंखें जो बच्चों के इंतज़ार में नम हैं…”
वृद्ध माताएं भले ही शारीरिक रूप से अकेली हों, लेकिन उनके मन में आज भी अपने बच्चों के लिए प्रेम, दुआ और ममता है। उनकी आंखों में आज भी उम्मीद झलकती है — शायद कोई एक दिन लौट आए।
🙏 “मां की सेवा दुनिया की सबसे बड़ी सेवा है”
M S ITI की टीम ने यह संदेश दिया कि मां के बिना जीवन अधूरा है। सेवा का असली अर्थ तभी है जब हम अपने माता-पिता के बुज़ुर्ग होने पर भी उन्हें सम्मान, देखभाल और अपनापन दें — ठीक उसी तरह, जैसे उन्होंने बचपन में हमें पाला।
🧠 सामाजिक संदेश:
“मां-बाप को वृद्धाश्रम नहीं, अपने आंगन की जरूरत है।”
“अगर हम उनके बुढ़ापे का सहारा नहीं बन सके, तो फिर हमारा जीवन भी अधूरा रह जाएगा।”
🔚 निष्कर्ष:
मदर्स डे केवल उपहार या सोशल मीडिया पोस्ट का दिन नहीं है। हर दिन मां का है।
M S ITI की यह पहल समाज को आईना दिखाती है कि सच्ची सेवा क्या है और मां का असली सम्मान कैसे किया जाए।