TNF News
MGM जूनियर डॉक्टरों ने मांगा वजीफे में इजाफा, झारखंड सरकार को सौंपा ज्ञापन

जमशेदपुर, 4 जून 2025: MGM मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जमशेदपुर के जूनियर डॉक्टरों ने झारखंड सरकार से सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, इंटर्न और एक्सटर्न डॉक्टरों के वजीफे (stipend) में बढ़ोतरी की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा है। ‘जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA)’ के बैनर तले भेजे गए इस ज्ञापन को राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव को संबोधित किया गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड में कार्यरत मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को मिलने वाला वजीफा पिछले काफी समय से अपरिवर्तित है जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। इससे डॉक्टरों के लिए खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है।
MGM सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की वेतन वृद्धि की मांग, पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर बढ़ोतरी की अपील
क्या है मांग?
डॉक्टरों ने अपने ज्ञापन में मौजूदा वजीफे और प्रस्तावित वजीफे का स्पष्ट उल्लेख किया है:
👨⚕️ सीनियर रेजिडेंट (Senior Residents)
वर्ष | वर्तमान वजीफा | प्रस्तावित वजीफा |
---|---|---|
प्रथम वर्ष | ₹80,000/- | ₹95,000/- |
द्वितीय वर्ष | ₹82,500/- | ₹1,02,000/- |
तृतीय वर्ष | ₹85,000/- | ₹1,10,000/- |
👨⚕️ जूनियर रेजिडेंट (Junior Residents – Academic)
वर्ष | वर्तमान वजीफा | प्रस्तावित वजीफा |
---|---|---|
प्रथम वर्ष | ₹54,500/- | ₹80,000/- |
द्वितीय वर्ष | ₹58,500/- | ₹85,000/- |
तृतीय वर्ष | ₹63,500/- | ₹90,000/- |
👨⚕️ जूनियर रेजिडेंट (Non-Academic)
वर्तमान वजीफा | प्रस्तावित वजीफा |
---|---|
₹54,500/- | ₹80,000/- |
JDA के अध्यक्ष डॉ. गणेश कुमार श्रीवास्तव, महासचिव डॉ. जहानजेब खान और कोषाध्यक्ष डॉ. मनीष के धन के नेतृत्व में सौंपे गए पत्र में यह भी अपील की गई है कि झारखंड सरकार पड़ोसी राज्यों में दिए जा रहे वजीफे का अध्ययन करे और उसी तर्ज पर यहां के डॉक्टरों को भी समुचित मानदेय प्रदान करे।
🔍 विशेष बिंदु:
- महंगाई बढ़ने से डॉक्टरों को आर्थिक दिक्कतें
- लंबे समय से वजीफे में नहीं हुआ कोई बड़ा बदलाव
- बेहतर सेवा देने के लिए आर्थिक सशक्तिकरण जरूरी
राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं दे रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकार से न्यायसंगत और समयानुकूल वजीफे की मांग की है। यदि इसपर सकारात्मक कार्रवाई होती है, तो यह न केवल डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।