झारखंड
मानगो में बिना नोटिस तोड़ा गया मंदिर, ग्रामीणों का आरोप—रुपया नहीं देने पर हुई कार्रवाई, प्रशासन से जांच की मांग

जमशेदपुर: मानगो अंचल क्षेत्र अंतर्गत पोखारी गांव में अतिक्रमण हटाने की आड़ में मंदिर और बाउंड्री वॉल तोड़े जाने को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह कार्रवाई पूर्व नियोजित थी और इसके पीछे रुपया नहीं देने की वजह बताई जा रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, जिस स्थल पर मंदिर और बाउंड्री बनाई गई थी, वह रैयती जमीन है। उन्होंने दावा किया कि बगैर किसी पूर्व सूचना या कानूनी नोटिस के प्रशासन की टीम ने बुलडोज़र भेजकर निर्माण ढहा दिया। लोगों का कहना है कि यह केवल एकतरफा कार्रवाई है, जबकि उसी क्षेत्र में सरकारी ज़मीन पर बड़े-बड़े मंदिर और पक्के मकानों का निर्माण वर्षों से हो रहा है, जिन्हें छुआ तक नहीं गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन निर्माण कार्यों को प्रशासन की मौन स्वीकृति प्राप्त है, और घूस लेकर ऐसे अवैध निर्माणों को नजरअंदाज़ किया जाता रहा है।
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पोखारी के ग्रामीणों ने अब इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है, कहा कि प्रशासन यह स्पष्ट करे कि किन आधारों पर कार्रवाई की गई और अन्य अवैध निर्माण क्यों सुरक्षित हैं।
🔍 विशेष बिंदु:
- बिना नोटिस के की गई कार्रवाई
- रैयती ज़मीन पर बनी थी बाउंड्री
- सरकारी जमीन पर बने मंदिर-मकान बचे
- घूस के आरोप, चयनात्मक कार्रवाई
- ग्रामीणों ने की जांच की मांग
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जांच नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
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