मानगो दया हॉस्पिटल के संचालक मुमताज अहमद हुए साइबर फ्रॉड के शिकार।

जमशेदपुर: मानगो दया हॉस्पिटल के संचालक मुमताज अहमद हुए साइबर फ्रॉड के शिकार। उन्होंने बताया की शाहीद अकबर नामक युवक ने उनके दया हॉस्पिटल से लगभग 60 से 70 लाख का घोटाला किया था। जिसके खिलाफ मुकदमा चला। करीब चार महीने पहले उसने  हाई कोर्ट से लॉ कोरसिव लिया। उसके बाद उसने फेसबुक में आयशा खातून के नाम से एक फेक आईडी बनाया साथ ही दया हॉस्पिटल के नाम से दूसरा फेक आईडी बनाया। आयशा खातून के नाम से बनाये गए फेसबुक आईडी से उसने मेरे कई आपत्तिजनक पोस्ट भेजना आरम्भ कर दिया। मेरे सोशल अकाउंट से पोस्ट को स्क्रीन शॉट कर लेता था। और एडिट करके उसे वायरल किया करता था। यह कार्य वह पिछले चार महीनों से कर रहा है।

शाहीद अकबर को मानगो थाना से बिस्टुपुर साइबर थाना ले जाती साइबर पुलिस
शाहीद अकबर को मानगो थाना से बिस्टुपुर साइबर थाना ले जाती साइबर पुलिस

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उन्होंने आगे बताया की इन सब घटनाओं की वजह से वे डिप्रेशन में चले गए थे और डिप्रेशन का इलाज करवा रहे हैं। वहीं उसने दया हॉस्पिटल के फेक आईडी से दया हॉस्पिटल के कॉन्फिडेंशियल डॉक्युमेंट्स को भी वायरल कर रहा था।

जिस सम्बन्ध में मैंने साइबर थाने में शिकायत की। तब जाकर मुझे जानकारी हुई कि इस सबका कर्ता-धर्ता शाहिद है। उसने अमेरिका का API इस्तेमाल किया था, लेकिन साइबर थाने से जानकारी मिली कि शाहिद ने अपने मोबाइल से ही सारे फेक काम किये हैं। अब वह पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। न्यायालय इसका फैसला करेगी।

शाहिद से संबंधों को लेकर उन्होंने बताया कि दया हॉस्पिटल को चलाने के लिए शाहिद को जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसका शाहिद ने गलत कदम उठाया और 60 से 70 लाख रुपयों का गबन कर लिया। हॉस्पिटल में अपना बारकोड लगा दिया और हॉस्पिटल का पैसा अपने बारकोड में लेना आरम्भ कर दिया।

उसने बड़ी चालाकी से मेरे स्टाफ से ऐनी डेस्क में कनेक्ट हुआ और हॉस्पिटल की जरूरी डॉक्युमेंट्स को कंप्यूटर से डिलीट कर दिया। जिसकी जानकारी उनके स्टाफ ने बाद में दी और वह इस मामले में गवाह बना।

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