जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैंकों की जिला परामर्शदात्री समिति और जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में जिले के वित्तीय स्वास्थ्य, सरकारी योजनाओं के अनुपालन, और स्वरोजगार के लिए बैंकों की भूमिका पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस बैठक के निष्कर्ष से स्थानीय वित्तीय संस्थानों की क्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी।
स्वरोजगार के लिए महिलाओं, युवाओं एवं छोटे उद्यमियों को ऋण देने में लचिला रूख अपनाएं बैंक
समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में बैंकों की जिला परामर्शदात्री समिति (DCC) और जिला स्तरीय समीक्षा बैठक (DLRC) आयोजित की गईं। बैठक में वित्तीय वर्ष 2023- 2024 की तृतीय तिमाही का वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने मुद्रा योजना और PMEGP तथा PMFME योजनाओं में सभी बैंकों को स्वीकृत आवेदनों का शीघ्र ऋण संवितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जिससे जिले का अनुपात और भी बेहतर हो सके। बैंक प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि सरकारी योजनाओं के आवेदन का यथाशीघ्र निष्पादन करें। उन्होंने बैंको को संवेदनशील होकर समाज के अंतिम छोर पर बैठे लोगों के लिए काम करने का संदेश दिया।
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वार्षिक जमा ऋण अनुपात में बैंकों द्वारा साल दर साल 48.55 % के विरुद्ध 51.62 % की उपलब्धि प्राप्ति की गई । कुल 8,54,612 प्रधानमंत्री जन धन योजना खाता में से 65,145 शून्य राशि में खोला गया और आधार सीडिंग प्रतिशत 88.77 रहा ।
सरकार केंद्रित योजनाओं के अनुपालन में भी जिले के बैंको ने अच्छा काम किया है। प्रधानमंत्री जनधन योजना, सुरक्षा बीमा योजना एवम अटल पेंशन योजना में जिले का अनुपात बेहतर हुआ है ।
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कुछ बैंकों का प्रदर्शन प्रायोरिटी सेक्टर में असंतोषजनक है जिसमें अत्यधिक सुधार की जरूरत बताई गई और शहरी निकाय अधिकारियों के सहयोग से फुटपाथ विक्रेताओं के लिए ऋण वितरण कैंप मोड में त्वरित करने का भी निर्देश दिया। बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार हेतु लोगों को ऋण के रूप में आर्थिक मदद पहुंचाने पर बल दिया ।
बैठक में आरबीआई, रांची के अधिकारी श्री सोहम कुमार शोम, डीडीएम नाबार्ड, एलडीएम सहित सभी प्रमुख बैंकों के जिला समन्वयक शामिल हुए।
निष्कर्ष:
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैंकों की जिला परामर्शदात्री समिति और जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। समीक्षा में प्रमुख धाराओं के आधार पर कुछ मुख्य निष्कर्ष निकाले गए:
1. स्वरोजगार के लिए महिलाओं, युवाओं, और छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों को लचीलापन बनाए रखने की आवश्यकता है।
2. मुद्रा योजना, PMEGP, और PMFME योजनाओं के अनुपालन के माध्यम से बैंकों को शीघ्र ऋण संवितरण की गारंटी दी गई।
3. सरकारी योजनाओं के आवेदन की त्वरित निष्पादन के लिए बैंकों को संवेदनशीलता बनाए रखने का निर्देश दिया गया।
4. बैंकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है।
5. कुछ बैंकों का प्राथमिकता क्षेत्र में असंतोषजनक है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।
इन निष्कर्षों के माध्यम से जिले के विकास में बैंकों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जाता है, और उन्हें समाज के अंतिम छोर पर बैठे लोगों के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।