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बिहार

IPTA का 26वां स्थापना दिवस पटना में अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ हुआ संपन्न – डॉ. परमानंद मोदी

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🎓 IPTA’s 26th Foundation Day was celebrated with great enthusiasm and dignity in Patna

 📍 पटना, बिहार: भारतीय गैर सरकारी शिक्षक संघ सह समाजसेवी संस्था IPTA (इंडियन प्राइवेट टीचर्स एसोसिएशन) का 26वां स्थापना दिवस आज पटना में अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। यह अवसर संस्था की 364वीं बैठक के साथ भी जुड़ा हुआ था, जिसने इसे और भी विशेष बना दिया।

🌟 मुख्य आकर्षण:

  • 📘 ‘IPTA संदेश’ पुस्तक का विमोचन
  • 🎬 निजी शिक्षकों की समस्याओं पर आधारित डॉक्युमेंट्री फिल्म का उद्घाटन
  • 🪔 दीप प्रज्वलन द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ

🗣️ मुख्य अतिथियों की उपस्थिति:

  • कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय गुरु रहमान सर के नेतृत्व में हुआ।
  • एन.के. सिन्हा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के कुल सचिव हबीबुल अंसारी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरुआत की।
  • कार्यक्रम की अध्यक्षता अविनाश कुमार यादव ने की, जबकि मंच संचालन एस.डी. प्रसाद द्वारा किया गया।
  • राष्ट्रीय गीत संकलन का दायित्व डॉ. नथुनी सिंह ने निभाया।

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🧑‍🏫 शिक्षक सम्मान योजना और निजी शिक्षकों के अधिकारों पर जोर:

हजारों की संख्या में उपस्थित शिक्षकों, गणमान्यजनों, बिहार, झारखंड एवं दिल्ली प्रदेश के पदाधिकारियों ने एक सुर में “शिक्षक सम्मान योजना” को अतिशीघ्र लागू करने की मांग की।

इसके साथ ही निजी शिक्षकों के लिए संविधान में पृथक एक्ट बनाए जाने की पुरज़ोर मांग उठी, जिससे कॉलेज, विद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर के निजी शिक्षक भी न्यायिक सुरक्षा और अधिकार प्राप्त कर सकें।

इस अवसर पर ‘IPTA संदेश’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया, साथ ही निजी शिक्षकों की समस्याओं पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री फिल्म का उद्घाटन भी किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय गुरु रहमान सर के नेतृत्व में हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ एन.के. सिन्हा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के कुल सचिव हबीबुल अंसारी ने दीप प्रज्वलन कर किया। समारोह की अध्यक्षता अविनाश कुमार यादव ने की, जबकि मंच संचालन एस.डी. प्रसाद ने संभाला।

कार्यक्रम में बिहार, झारखंड और दिल्ली प्रदेश से आए हजारों निजी शिक्षकों और संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर ‘शिक्षक सम्मान योजना’ को शीघ्र लागू करने की माँग को लेकर व्यापक समर्थन देखने को मिला।

सभा में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एकमत होकर यह मांग की कि निजी शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान में एक स्वतंत्र अधिनियम (एक्ट) बनाया जाए, जिससे निजी विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी उचित मान्यता और सुरक्षा प्राप्त हो सके।

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🗨️ राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रेरणादायक नारा:

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. परमानंद मोदी ने मंच से ओजस्वी नारा बुलंद किया:

“ना डंडे से, ना झंडे से,
हम लोग अपना अधिकार लेंगे कलम के फंदे से!”

उन्होंने सभी केंद्रीय मंत्रियों और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से इस आवाज को सुनने की अपील की।

👥 प्रमुख उपस्थिति:

इस अवसर पर निम्न प्रमुख शिक्षक नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे:
शशि शेखर, अखिलेश कुमार, अमृत प्रेम आनंद, गौर, रमेश शर्मा, ओम प्रकाश कुमार, वकील यादव, राजेश कुमार, डॉ. शशि शेखर, मंटू कुमार, मुकेश ओझा, अशोक प्रसाद, राहुल कुमार सहित हजारों की संख्या में शिक्षकगण।

🔚 विशेष बिंदु:

✅ शिक्षक एकता और अधिकारों की बुलंद आवाज
✅ राष्ट्रीय स्तर पर निजी शिक्षकों के लिए विधिक मान्यता की मांग
✅ संस्कृति, विचारधारा और समाज सेवा का संगम

🙏 IPTA परिवार की ओर से सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद एवं शुभकामनाएं।
“शिक्षक समाज की रीढ़ हैं – उन्हें सम्मान और अधिकार मिलना ही चाहिए।”

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