जमशेदपुर: आज के डिजिटल युग में, मोबाइल फोन और शॉर्ट्स और रील्स के बढ़ते उपयोग के कारण बच्चों का ध्यान और पढ़ने की आदतें तेजी से कम हो रही हैं। इस चुनौती की गंभीरता को समझते हुए, गुलमोहर हाई स्कूल की प्रधानाचार्य, श्रीमती प्रीति सिन्हा ने बच्चों में पढ़ने के प्रति प्रेम को फिर से जगाने के लिए एक अनूठी पहल की शुरुआत की। उनका मानना है कि पुस्तकें पढ़ने की आदत बचपन से ही विकसित की जानी चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के बौद्धिक और भावनात्मक विकास में अहम भूमिका निभाती है। इस सोच को साकार करने के लिए, श्रीमती सिन्हा ने माताओं को इस सफर में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
16 सितंबर, 2024 को, गुलमोहर माताओं के रीडिंग क्लब का उद्घाटन सत्र स्कूल के कनेक्ट हब में आयोजित किया गया। इस सत्र में केवल प्री-प्राइमरी छात्रों की माताओं को आमंत्रित किया गया था। श्रीमती सिन्हा ने छोटे बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के महत्व को प्रभावी ढंग से समझाया और कहा, “माँ बच्चे की पहली शिक्षक होती है।” उन्होंने यह भी बताया कि अगर माताएँ अपने बच्चों को नियमित रूप से कहानियाँ पढ़ने की आदत डालेंगी, तो इससे बच्चों में पुस्तकों के प्रति प्रेम जागेगा, जो आज के डिजिटल युग में धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इस अभ्यास का बच्चों के संज्ञानात्मक विकास, संचार कौशल और रचनात्मकता पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
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इस पहले सत्र के बाद, 19 सितंबर, 2024 को दूसरा सत्र आयोजित किया गया, जिसमें स्वयंसेवी माताओं को बच्चों के लिए प्रभावी ढंग से कहानियाँ पढ़ने के कौशल का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में आवाज़ के उतार-चढ़ाव का उपयोग कर कहानियों को जीवंत बनाने, विचारोत्तेजक प्रश्न पूछकर बच्चों की भागीदारी बढ़ाने, और बच्चों को अपनी उंगली से शब्दों का अनुसरण करना सिखाने जैसे इंटरैक्टिव तरीकों पर जोर दिया गया। माताओं को सरल और चित्र-युक्त कहानी पुस्तकों का चयन करने के लिए प्रेरित किया गया ताकि बच्चों के लिए पढ़ाई एक आकर्षक और मनोरंजक अनुभव बन सके।
यह पहल 28 सितंबर, 2024 को टाटा ऑडिटोरियम में एक भव्य सत्र के साथ और भी गति पकड़ गई, जिसमें 200 से अधिक प्री-प्राइमरी बच्चों की माताओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रार्थना के साथ हुई, जिसके बाद श्रीमती सिन्हा ने पढ़ने के महत्व पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया। कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण माताओं द्वारा प्रस्तुत की गई कहानियाँ थीं, जिसमें एकल प्रस्तुतियाँ, माँ-बच्चे की युगल प्रस्तुतियाँ और समूह प्रदर्शन शामिल थे। इन सभी प्रस्तुतियों में माताओं ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया, जिससे अन्य माताओं को भी प्रेरणा मिली।
गुलमोहर माताओं का रीडिंग क्लब अब हर महीने के शनिवार को आयोजित किया जाएगा, जिससे माताओं को सशक्त बनाने की यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी और वे अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बनकर उनमें पढ़ने की आदत को फिर से जाग्रत कर सकेंगी।
इस पहल का नेतृत्व श्रीमती प्रीति सिन्हा कर रही हैं, और इसे समर्पित शिक्षिकाएँ, गायत्री ट्र., सुनीता ट्र., और नताशा ट्र. द्वारा समन्वित किया जा रहा है। इस सराहनीय प्रयास के माध्यम से गुलमोहर हाई स्कूल ने बच्चों और पुस्तकों के बीच उस खोते जा रहे जुड़ाव को फिर से स्थापित किया है, जो आज के युग में पढ़ने की घटती आदतों को एक नई दिशा दे रहा है।